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NCL सिंगरौली में भ्रष्टाचार के मामले में CBI की छापेमारी… नोएडा, रांची में पूर्व सीएमडी के ठिकानों पर छापा, कई अधिकारी घेरे में

जानकारी के अनुसार इस मामले में अब एनसीएल के डीजीएम स्तर के दो अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं। इनके ठिकानों की भी जांच की गई है। अध‍िकारियों के अनुसार छानबीन में कुछ डिजि‍टल उपकरण और आपत्तिजनक रिकाॅर्ड जब्त किए हैं। कई गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई है। मप्र पुलिस के जबलपुर में पदस्थ एसआई कमल सिंह की भी मामले में संलिप्तता मिली है।

HIGHLIGHTS

  1. सिंगरौली एनसीएल में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की सोमवार को जारी रही जांच।
  2. डीएसपी, एसआई सहित छह पर एफआईआर, एनसीएल का मुख्य सुरक्षा अधिकारी गायब।
  3. दिल्ली की टीम ने जबलपुर स्थित सीबीआई कार्यालय व डीएसपी के आवास में की छानबीन।

 जबलपुर। सिंगरौली के नार्दर्न कोल्डफील्ड लिमिटेड (एनसीएल) में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी रही। सोमवार को एनसीएल के पूर्व सीएमडी भोला सिंह के नोएडा और रांची स्थित ठिकानों पर दबिश हुईं। एनसीएल के मुख्य सुरक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार प्रसाद और टेक्निकल प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग डायरेक्टर सुनील प्रसाद सिंह के सिंगरौली स्थित आवास पर भी सीबीआई पहुंची। रविंद्र कुमार घर से गायब मिले।

डीजीएम स्तर के दो अधिकारी भी जांच के घेरे में

एनसीएल के डीजीएम स्तर के दो अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं। इनके ठिकानों की भी जांच की गई है। एनसीएल में धांधली की जांच से जुड़े रिश्वत लेते पकड़े गए सीबीआई डीएसपी जाय जोसेफ दामले के जबलपुर स्थित आवास और कार्यालय को भी खंगाला गया है।

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डिजि‍टल उपकरण और आपत्तिजनक रिकाॅर्ड जब्त

छानबीन में कुछ डिजि‍टल उपकरण और आपत्तिजनक रिकाॅर्ड जब्त किए हैं। कई गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई है। मप्र पुलिस के जबलपुर में पदस्थ एसआई कमल सिंह की भी मामले में संलिप्तता मिली है। अभी तक डीएसपी, एसआई सहित छह आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर हो चुकी है।

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  • सीबीआइ ने शनिवार को जबलपुर से सीबीआई, एसीबी ब्रांच के उप पुलिस अधीक्षक जाय जोसेफ दामले को पांच लाख रुपये रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
  • यह राशि एनसीएल के एनसीएल सीएमडी के पीए सूबेदार ओझा और मुख्य प्रबंधक (प्रशासन) कर्नल बसंत कुमार सिंह ने एक कर्मचारी के माध्यम से दिवेश सिंह तक भिजवाई थी।
  • दिवेश, एनसीएल में ठेकेदार रवि सिंह का साथी है। रवि के कहने पर ही वह डीएसपी को रुपये पहुंचाने जबलपुर आया था।
  • इसके बाद दिल्ली की टीम ने रविवार को सूबेदार ओझा और कर्नल बसंत कुमार सिंह और ठेकेदार रवि सिंह के सिंगरौली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।
  • जहां, से कगद चार करोड़ रुपये और कई आपत्ति अभिलेख जब्त किए थे। डीएसपी दामले, सूबेदार ओझा, कर्नल बसंत कुमार सिंह, ठेकेदार रवि सिंह और दिवेश को गिरफ्तार किया है।
जांच में बचाने की पहली किस्त पांच लाख
ठेकेदार मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के मालिक रविशंकर सिंह एनसीएल में बड़ा सप्लायर है। वह मशीनों के कलपुर्जों की आपूर्ति करता है। उसने आपूर्ति में बड़ा घोटाला किया था, जिसमें कर्नल बसंत, पीए सूबेदार सहित कुछ अन्य अधिकारी भी संलिप्त थे। इसी घोटाले की जांच में अधिकारियों को बचाने के लिए डीएसपी को रिश्वत में पांच लाख रुपये की पहली किस्त 16 अगस्त को पहुंचाई गई थी, जिसमें रविशंकर मध्यस्थ था।
डीएसपी, एसआई को साधकर बनाया गठजोड़, स्वयं बना मध्यस्थ
  • ठेकेदार रविशंकर सिंह ने सीबीआई डीएसपी सहित कुछ अधिकारियों का गठजोड़ बना लिया था। पहले वह एनसीएल में गड़बड़ी की टोह लेता।
  • इसके बार संबंधित को सीबीआई डीएसपी के माध्यम से कार्रवाई का भय बताता। जो फंसते उन एनसीएल अधिकारियों के लिए मध्यस्थ भी वहीं बन जाता था। उनसे मोटी राशि वसूलता और आपस में बांट लेता।
  • डीएसपी तक रिश्वत पहुंचाने के लिए उसने एमपी पुलिस के एसआइ कमल सिंह को अपने साथ मिलाया।
  • शातिर रविशंकर ने एसआई के घर का पता लिया। कुछ दिन बाद उस पते पर दिल्ली से एक फोन पहुंचा।
  • यह फोन पंकज ट्रेवल्स के कर्मी सुखचैन सिंह ने दो अगस्त को एसआई को दिया। फिर लेन-देन की बातचीत के लिए छह अगस्त को सिम कार्ड भी भिजवाया।
रविंद्र कुमार के घर पर पुलिस का पहरा
सीबीआइ की जांच का शिकंजा कसते ही एनसीएल मुख्य सुरक्षा अधिकार रविंद्र कुमार प्रसाद सिंगरौली स्थित अपने आवास से गायब हो गए। सोमवार को जब छापेमारी हुई तो वह नहीं मिले। उसके आवास पर स्थानीय पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। घर में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। रविंद्र के बारे में स्वजन से पूछताछ की गई है। एनसीएल में सप्लाई में अनियमितता की शिकायतों के जांच के मामले में अनुकूल रिपोर्ट देने वाले जबलपुर सीबीआइ डीएसपी दामले पर निलंबन की तलवार भी लटक गई है।

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