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Chhattisgarh

गरीबों के राशन से आबाद अमीरों की कोठियां, खाद्य सुरक्षा कानून की उड़ रही धज्जियां !

बालोद। जिले के ज्यादातर ग्रामीण इलाको में पीडीएस की चांवल को उपभोक्ताओ के द्वारा कोचीयो को बेंचकर लोग पैसा कमा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार देश के लगभग बीस प्रतिशत लोग भूखे पेट सोने पर मजबूर हैं, इसी को ध्यान रखते हुए सरकार के द्वारा खाद्य सुरक्षा कानून बनाया गया किन्तु बालोद जिला के गुरूर जनपद के परसुली पंचायत के लोग खाद्य सुरक्षा कानून की धज्जिया उड़ाते हुये पीडीएस के तहत मिलने वाले राशन चांवल-गेंहु को धमतरी के बड़े सेठो के 15 रुपये प्रतिकिलो ग्राम के हिसाब से बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।
जिन ग्रामीणो परिवारो की जनसंख्या अधिक है और वे भूमिहीन हैं वे लोग इन्ही कोचीयो से लगभग बीस से पच्चीस रुपया में चांवल खरीद कर अपनी परिवार चलाते हैं।आखिर जिन लोगो को खाद्य सुरझा कानून की जानकारी ही नही या फिर जिन्हे चांवल-गेंहु की जरुरत ही नही इन्हे ये सिर्फ बेचकर अवैध पैसा कमाने की मंशा रखने वाले लोगो को खाद्य सुरक्षा कानून का फायदा देने से किसे लाभ होता है राज्य सरकार वित्तीय घाटा सहकर छत्तीसगढ़ के नागरिक भूखा ना रहे इस मंशा से लगातार पिछले कई सालो से इस योजना को चला रही है लेकिन कई गैर जरुरतमंद लोगो के द्वारा इस तरह के घृणत कार्य को अंजाम देने से सरकार की गरीबो को उबारने की मंशा पर ठेंस पंहुचती है।
ग्राम पंचायत परसुली के सरपंच से लेकर पूरे पंचायत को इस कालाबाजारी के बारे में अच्छे से पता है किन्तु सरपंच महोदय की दयादृष्टी के कारण यह खेल पिछले कई सालो से चल रहा ह वही जिला के खाद्य अधिकारी से हमने मामले की जानकारी देते हुए इसकी शिकायत फोन पर किया तो जिला खाद्य अधिकारी ने बेतुकी पूर्वक जवाब देते हुये कल कार्यालय आकर मामले की जानकारी देने की बात कही अब इसी बात से लोगो को समझना चाहिये की सरकार की नीति गरीबो के लिये है क्योंकि हमारा संविधान कहता है कि इस देश के संसाधनो पर पहला हक गरीबो का है लेकिन बालोद जिला के अधिकारी शायद अपनी चलाना जानते है।
विनोद नेताम
(संवाददाता)

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