Welcome to CRIME TIME .... News That Value...

ChhattisgarhPolitics

“सत्ताविरोधी लहर से खत्म हुआ वनवास, वादों को पूरा करने की चुनौती।”

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चले “सत्ताविरोधी लहर” ने प्रदेश में भाजपा को करारी शिकस्त देते हुये काँग्रेस का 15 वर्ष का वनवास समाप्त कर आगामी पाँच वर्षों के लिये आमजनों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का दायित्व अतिविश्वास के साथ सौँप दिया है। भाजपा के हार के कारणों का त्वरित विश्लेषण किये बिना कहा जा सकता है कि सत्ताविरोधी लहर के साथ-साथ मतदाताओं ने भाजपा के सँकल्प-पत्र की अपेक्षा काँग्रेस के जनघोषणा पत्र पर कहीं अधिक विश्वास जताया। सरकार बनने के 10 दिनो के भीतर किसानों का कर्जा माफ, दो वर्ष के धान का बकाया बोनस, धान खरीदी का न्यूनतम मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल, बिजली बिल आधा, घर-घर रोजगार-हर घर रोजगार व शराबबंदी जैसे घोषणाओं ने काँग्रेस को सत्ता सौँपने मे महती भूमिका निबाही है।
प्रदेश के सँसाधनो से प्राप्त होने वाले आय व प्रदेश की वर्तमान आर्थिक स्थिति के परिपेक्ष्य मे सत्तारूढ़ दल को इन वादों सहित अपने जन घोषणा पत्र मे किये गये अन्य वादों को पूर्ण करने की चुनौती बनी रहेगी।
आपातकाल के बाद हुये चुनाव के दौरान रायपुर के सप्रे विद्यालय मैदान मे आयोजित एक विशाल सभा मे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व काँग्रेस के खिलाफत मे उतरी नेहरू परिवार के सदस्य विजयलक्ष्मी पँडित ने सँबोधन के दौरान आगाह किया था कि जनता को खून का स्वाद लग चुका है, वहीं डॉक्टर राममनोहर लोहिया जी ने कहा था कि जिँदा कौमें पांच साल इँतजार नहीं करती। सत्तारूढ़ होने के लिये चुनावी घोषणाओं की प्रतिस्पर्धा के बीच सत्तासीन होने वाले सभी दलों के लिये वादा निभाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। सत्ताधारी दल चुनावी वादों को पूरा कर जन आकाँक्षाओं मे खरा उतरेगी इस विश्वास के साथ विजयी दल व समस्त सभी दलों के विजयी प्रत्याशियों को बधाई व शुभकामनायें।

*कृष्ण कुमार त्रिपाठी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page