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Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के भ्रष्ट अधिकारिर्यो को शह देने वाले मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को जनता सबक सिखाएगी : करूणा शुक्ला

चाउर वाले बाबा शराब बेच रहे हैं ?

राजनांदगांव। राजनांदगांव से भाजपा के डाक्टर रमन सिंह और कांग्रेस से श्रीमती करुणा शुक्ला के नामांकन दाखिल किए जाने के बाद चल रही बहुतायत चर्चा के अनुसार सरसरी तौर पर कहने लगे है कि डा रमन तो जीत ही जायेंगे । क्योंकि एक तो वे बाहरी प्रत्याशी है ऐसे आम लोगो की धरना है और अभी कांग्रेसजनो से परिचय मे ही लगी है लेकिन आज शाम कांग्रेस भवन मे शहर कांग्रेस कमेटी की एक बैठक मे जिस प्रकार से अपने भाषण से मुख्यमंत्री डा रमन के विरुद्ध आक्रमक तेवर में चुनाव लड रही कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती करुणा शुक्ला ने मृतप्राय कांग्रेसियो मे जान फूंकी उससे ऐसा लगता है कि डा रमन के लिए संभावित जीत टक्कर मे बदल सकती है।

जब राजनांदगांव से कांग्रेस से उन्हे टिकिट मिलने की खबर आई है तभी से सारे कांग्रेसी एकमत हो गए है और कार्यकारिणी सहित सभी पदाधिकारियों ने एकता से चुनाव मैंदान में मुख्यमंत्री से डटकर मुकाबला करने का संकल्प लिया।
आज शाम कांग्रेस भवन मे आयोजित बैठक मे उस समय सन्नाटा पसर गया जब संचालक बसंत बेहकर व पूर्व शहर अध्यक्ष रमेश राठौर ने वहां बमुश्किल 150 के लगभगा कार्यकर्ताओं को अपने सुझाव के लिए आमंत्रित किया। बैठक मे पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष श्रीकिसन खंडेलवाल,नगर निगम मे विपक्ष के नेता हफीज खान,पूर्व महापौर सुदेश देशमुख प्रशांत तिवारी दिनेश शर्मा अशोक पंजवानी,महेश शर्मा आदि उपस्थित थे लेकिन इनमे से कोई भी अपनी जगह से नहीं हिला। इसके पूर्व कुतबुद्दीन सोलंकी व शहर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती हेमा देशमुख ने भी प्रभावशाली सुझाव रखे। इसके बाद पूर्व महापौर सुदेश देशमुख आए और बहुत दमदारी से अपनी बाते कहते हुए नगर निगम के महापौर तथा मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए माहौल को गरम किया। उन्होने खाया पीया कुछ नहीं और गिलास फोडा की तर्ज पर कहा कि हमे पत्रकारो के साथ जी ई रोड पर बने फिर उखडे फुट ओवर ब्रिज को दिखाया जाकर निगम के भ्रष्टाचार की पोल खोलना होगा। उन्होने मुख्यमंत्री डा रमन के खिलाफ और भी कडे बोल बोलकर स्वयं के आक्रमक रुख का परिचय दिया।
इसके बाद अंत मे प्रत्याशी करुणा शुक्ला का उद्बोधन हुआ और उन्होने अपनी भाषण कला एवं भाषण के अंशो से उपस्थित कांग्रेसियो के निराश मन को काफी हद तक पलट दिया और कांग्रेसीयो ने उनके उद्बोधन के अंत मे और बीच मे जोरदार तरीके से तालीयां भी बजाई। उन्होने कहा कि यह लडाई अमीर और फकीर के बीच मे है। पैराशूट प्रत्याशी होने की बात पर उन्होने कहा कि राजनांदगांव मे पैराशूट प्रत्याशीयो का प्रदर्शन अच्छा रहा है। उन्होने कहा कि रामसहाय पांडे,धर्मपाल गुप्ताऔर स्वयं डाक्टर रमन इसके उदाहरण है।
श्रीमती शुक्ला ने मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए काफी कडवे वचन कहे और कहा कि देश मे अनेक मुख्यमंत्री को हमने हारते देखा है। उन्होने कांग्रेसी कार्यकर्ताओ से कहा कि मैने दोनो ही संगठनो मे रहकर अपनी विश्वसनीयता बनाई और इसलिए ही कांग्रेस ने राहूल गांधी ने और कांग्रेस के शीर्षस्थ नेतृत्व ने मुझ पर भरोसा करते हुए राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाया है।
उन्होने कहा कि मै काम से डरती नही हूं बल्कि काम मेरे से डरता है इसलिए इस चुनाव मे भाजपा के धनबल से जनबल को विजयी बनाने के लिए एकजुटता से कार्य करते हुए इतिहास बदलना है।

श्रीमती शुक्ला ने डा रमन के नामांकन भरने के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल होने पर तंज कसते हुए कहा कि अब मोदी जी भी आएंगे लेकिन इसलिए नही कि यहां से डा रमन भाजपा के प्रत्याशी है बल्कि इसलिए आएंगे क्योंकि यहां से करुणा शुक्ला कांग्रेस की प्रत्याशी है।

उन्होने यह कहकर सब को चौका दिया कि उन्होने अपने चाचाजी श्रद्धेय अटलबिहारी बाजपेयी की स्वीकृति के बाद कांग्रेस मे प्रवेश किया है।उन्होने कहा कि भाजपा व इसके नेतृत्व की सरकार भ्रष्टाचार मे आकंठ डूबी हुई है और चाऊर वाले बाबा प्रदेश मे शराब बेच रहे ,निर्माण कार्यो मे कमीशन का खेल चल रहा है,राजनांदगांव मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र है और यहां करोडो के फंड का आबंटन होता है। बडे बडे करोडो के गैरजरुरी निर्माण सिर्फ कमीशनबाजी के लिए ही कराए जा रहे है ।छत्तीसगढ़ में भ्रस्ट अधिकारिर्यो का बोलबाला है मुख्यमंत्री के संरक्षण में ये अधिकारी छत्तीसगढ़ को खोखला करने में लगे हैं।

श्रीमती शुक्ला ने अपनी भाषण कला के बारे मे बताया कि वह पांच वर्ष की अवस्था से ही बोलने लगी थी। छात्र जीवन मे वादविवाद प्रतियोगिताओ मे अनेक बार मेडल प्राप्त किया है लेकिन केवल भाषण से ही काम नही बनता। उन्होने अटलजी का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी बहुत ही प्रभावी भाषण देते थे लेकिन 37 साल बाद पी एम बने और वह भी 24 दलों के समर्थन से क्योंकि भाजपा का कोई ढांचा नही था और अटलजी तथा आडवानी जी भाजपा को खडे कर रहे थे। उन्होने कहा कि हमारी स्थिति अलग है क्योंकि हम पहले से ही एक शक्तिशाली संगठन है और इसलिए हमारी विजय को कोई रोक नहीं सकता है।
उन्होने कहा कि देश की आजादी के बाद कांग्रेस ने सत्ता संम्हाली और अनेक राज्यो मे कांग्रेस की सरकारे थी इसलिए कांग्रेस मे संघर्ष करने की प्रवृत्ति कमजोर है। मुझसे अनेक बार जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल अपने काम काज के बारे मे मै पूछते थे तो मै सीधे कहती थी कि संगठन मजबूत करो तभी सत्ता हाथ लगेगी। श्रीमती शुक्ला ने कहा कि पूर्व चुनाव के बूथ वाइज प्राप्त मतों का अध्ययन करते हुए एक लक्ष्य बनाकर चलना होगा तभी बात बनेगी।
उन्होने कहा कि राजनांदगांव से मुख्यमंत्री डाक्टर रमन को हराना कोई कठिन कार्य नही है क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र मे कांग्रेस के लगभग 40 हजार परम्परागत् वोट है। अब हमे 30000 अतिरिक्त मतो को हासिल करना है। यदि हम सब मिलकर बुथ स्तर पर जुट जाए तो हमारी विजय सुनिश्चित है और हम राहूल जी को एक नायाब तोहफा देकर राजनांदगांव कांग्रेस की सर्वश्रेष्ठता सिद्ध करेंगे।

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