आखिर क्यों बच जाते हैं शराब तस्कर और पकड़े जाते हैं वाहन चालक – हेल्पर !
राजधानी रायपुर और आउटर इलाके में होली के पूर्व ब्रांडेड कंपनियों के शराब की बड़ी खेप खपाने की कोशिश पुलिस ने भले ही नाकाम कर दी हो लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक शराब तस्कर का ना पकड़ा जाना सन्देह पैदा करता है।
बुधवार दिनांक 4 मार्च 2020 की रात टिकरापारा पुलिस में देवपुरी में उत्तर प्रदेश पासिंग की खड़ी ट्रक में टाइल्स के नीचे बोरियों में बंधी महंगे ब्रांड की 175 पेटी शराब के साथ मौके पर मौजूद ट्रक चालक दिगंबर जाटव 45 को गिरफ्तार किया था, जबकि उसका सहकर्मी पुलिस को देखकर भाग निकला। पूरी रात और गुरुवार दोपहर तक मुलत: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के गोंडा थाना क्षेत्र के ग्राम नुनेरा (नगला जगदेव) निवासी दिगंबर जाटव से पूछताछ की गई उसने शराब तस्कर का नाम व पता पुलिस अफसरों को बताया जिसके आधार पर पुलिस ने तस्कर की तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश भी दी लेकिन तस्कर नहीं मिला।
पुरानी बस्ती सीएसपी कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि, आरोपी ट्रक चालक दिगंबर जाटव को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत ने जेल भेज दिया गया है। दिगंबर ने पूछताछ में फरार सहकर्मी पर सारा दोष मढ़ते हुए शराब खपाने वाले तस्कर के बारे में उसे ही जानकारी होने की बात कही है। हालांकि पुलिस को शक है कि दिगंबर जाटव गुमराह करने के लिए ऐसा कहा है। उसके मोबाइल को जप्त कर कॉल डिटेल खंगाला जा रहा है; ताकि पता लग सके कि हरियाणा से किसके कहने पर वह रायपुर में किस तस्कर को शराब की सप्लाई करने वाला था।
शराब ठेकेदार से जुड़े लिंक : पुलिस सूत्रों ने बताया राजधानी रायपुर जिले में हरियाणा मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश उड़ीसा बिहार और झारखंड राज्य की शराब लंबे समय से खा पाई जा रही है इससे पहले भी मध्य प्रदेश हरियाणा उड़ीसा की शराब पकड़ी जा चुकी है हर बार वाहन चालक हेल्पर पकड़े जाते हैं जबकि तस्करों तक आज तलक पुलिस के लंबे हाथ नहीं पहुंच सके जप्त की गई लाखों की ब्रांडेड कंपनियों की यह शराब हरियाणा से रायपुर में खपाने लाई गई थी। तस्करी के इस खेल में पुराने शराब ठेकेदार से लिंक जुड़े होने का अंदेशा है फिलहाल अधिकृत तौर पर शराब तस्करी से जुड़े लोगों के नाम का खुलासा करने से पुलिस अफसर बच रहे हैं यह शराब पर्व पर खपाने के लिए मंगवाई गई थी।
आबकारी विभाग की भूमिका संदिग्ध
शराब की बड़ी खेप की तस्करी के खुलासे के बाद आबकारी विभाग की भूमिका संदिग्ध हो उठी है सूत्रों ने बताया कि तस्करी के खेल में शामिल पुराने शराब के आदमियों की लंबे समय से विभाग में जमे अफसर कर्मचारियों से सांठगांठ है यही वजह है कि रायपुर में लगातार शराब की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं।
साभार : नई दुनिया।