छात्रावास के बाथरूम में बच्ची को जन्म देने वाली छात्रा परिजनों सहित भूमिगत !
आदिवासी कन्या छात्रावास पातररास में हॉस्टल के बाथरुम में 11 वीं कक्षा की छात्रा द्वारा बच्चे को जन्म देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि, कन्या शिक्षा परिसर में हर महीने बच्चों का हेल्थ चेकअप करने के साथ रजिस्टर में उसकी एंट्री करना अनिवार्य है। ऐसे में छात्रा की 9 महीने की गर्भावस्था की जानकारी हॉस्टल प्रबंधन ने कैसे छुपाए रखी ?
आपको बता दें कि इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। गत 5 दिसंबर को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित एक शासकीय कन्या (छात्रावास) शिक्षा परिसर में रह रही कक्षा 10वीं की छात्रा ने मृत शिशु को जन्म दिया था। उस मामले में भी छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित कर दुष्कर्मी युवक को गिरफ्तार किया गया था।
दंतेवाड़ा। यह तो सच है कि तथाकथित सभ्य समाज के लोगों ने आदिवासी समाज को कमजोर समझकर हमेशा उनके हक़-अधिकार और उनकी अस्मिता पर डाका डाला है। उत्तर बस्तर झलियामारी छात्रावास में नाबालिग छात्राओं के साथ दैहिक शोषण की जो इबारत लिखी गई है उस कलम की स्याही अभी सुखी भी नहीं है कि अब एक और छात्रावास से 11वीं कक्षा में अध्ययनरत एक किशोरी के द्वारा; 9 महीने के मृत बच्चे को जन्म दिए जाने की खबर इन दिनों तमाम मीडिया की सुर्खियों में छाई हुई है।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक हॉस्टल में जिस छात्रा ने बच्चे को जन्म दिया, वह बस्तर जिले के तोकापाल ब्लाक के बारूपाटा गांव की बेहद साधारण परिवार की रहने वाली लड़की है, उसके पिता मजदूरी कर घर चलाते हैं। हॉस्टल में बच्चे को जन्म देने के बाद छात्रा को दंतेवाड़ा के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। यहां रिकॉर्ड में छात्रा के पति के तौर पर एक युवक का नाम लिखवाया गया है, जो नाम उस रिकॉर्ड में लिखवाया गया है उस नाम के दो युवक गांव में ही रहते हैं। एक युवक स्थायी तौर पर इसी गांव का रहने वाला है, वहीं दूसरा युवक दुकान चलाने आया हुआ है।
दैनिक भास्कर के हवाले से घटना के बाद जब उनके प्रतिनिधि; छात्रा के घर पहुंचे तो उसके घर पर ताला लगा मिला। पूछने पर लोगों ने बताया कि पूरा परिवार दो दिनों से दंतेवाड़ा गया है। हालांकि सभी ने छात्रा की शादी होने की बात से इंकार किया। गांव में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला जिसे छात्रा की शादी होने की जानकारी हो। जबकि दंतेवाड़ा के हॅास्पिटल में छात्रा को भर्ती करने के दौरान उसके पति का नाम भी लिखवाया गया है। मामला छात्रा का प्रेम प्रसंग से जुुुड़े होने का अंंदेशा हो सकता है।
इस मामले में डिप्टी कलेक्टर प्रीति दुर्गम का कहना है कि बच्चा पूरे 9 महीने बाद हुआ है। जांच में यह भी पता चला है कि बच्चा आश्रम में ही हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार इस पूरी घटना की जानकारी छात्रावास अधीक्षिका हेमलता नाग को थी।
हॉस्टल के स्टाफ कर्मियों का भी कहना है कि बच्ची का प्रसव बाथरूम में हुआ, और जन्म के वक्त बच्चा मृत पैदा हुआ। भृत्य कुंती ने मीडिया को बताया कि, अधीक्षिका ने सब पर दबाव बनाया कि ये मामला बाहर नहीं जाना चाहिए। जिसने भी मामला को बाहर बताया नौकरी से हटवा दूंगी। फिलहाल घटना के बाद छात्रावास अधीक्षिका हेमलता नाग को बर्खास्त किया जा चुका है, जिसके बारे में जानकारी मिली है कि अब वह भूमिगत हो चुकी हैं इसके साथ ही छात्रा व उसके परिजन से भी किसी प्रकार का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।
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