Chhattisgarh
बस्तर की वादियों में गूंजने लगा “रक्षा बंधन” हैं, मैं एक बार फिर अपील करता हूं; मुख्य धारा में लौट आओ मेरी बहन…
मुठभेड़ चल ही रही थी कि रामा के एक साथी ने कहा कि देखो तुम्हारी बहन कन्नी नजर आ रही है। जब तक रामा उसकी ओर देख पाता वह नजरों से ओझल हो गई। भाई ने बहन को आवाज भी लगाई लेकिन वह उसे अनसुना करके फरार हो गई। रक्षा बंधन का पर्व जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, रामा को वह दिन याद आ रहा है जब उसकी बहन कन्नी ने भी उसकी कलाई पर राखी बांधी थी और रामा ने अपनी बहन की रक्षा की सौगंध ली थी।
सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 29 जुलाई को एक नक्सल मुठभेड़ के दौरान दोनों भाई बहन उस वक्त आमने-सामने आ गए, जब दोनों ओर से भारी गोलीबारी की जा रही थी। छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान वेट्टी रामा एक नक्सल विरोधी ऑपरेशन के लिए इस क्षेत्र में भेजे गए थे। पूर्व में नक्सली संगठनों के साथी रहे वेट्टी रामा ने बीते साल छत्तीसगढ़ पुलिस का हाथ थाम लिया था। रामा काफी वक्त से पुलिस और सीआरपीएफ के साथ नक्सल विरोधी अभियानों में काम कर रहे थे। इसी बीच 29 जुलाई को रामा की टीम को सुकमा के एक इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली। इस सूचना के बाद शुरू हुए एक तलाशी अभियान के दौरान ही वेट्टी रामा की मुलाकात अपनी बहन वेट्टी कन्नी से हुई जो कि इस इलाके में नक्सलियों के साथ रह रही थी।
बचपन में उठा ले गए थे नक्सली
दोनों भाई बहन गगनपल्ली गांव के रहने वाले हैं। वेट्टी रामा उस दिन को याद कर सिहर उठता है, जब नक्सली गांव में आए और दोनों भाई-बहनों को अपने साथ ले गए। बाद में उन्हें अपने संगठन में बाल नक्सली के रूप में शामिल कर लिया था। इसी संगठन में रह कर दोनों बड़े हुए। हालांकि, वेट्टी रामा को अक्सर यह महसूस होता था कि नक्सलियों की विचारधारा पूरी तरह खोखली है। धीरे धीरे संगठन से उसका मोह भंग हो गया और करीब एक साल पहले उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद वेट्टी रामा को पुलिस विभाग में सहायक आरक्षक बना लिया गया।
मुठभेड़ में दो साथी नक्सली ढेर
पुलिस को यह जानकारी हाथ लगी थी कि जंगल में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं, सूचना के आधार पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी। टीम के गाइड के रूप में वेट्टी रामा साथ में था। बस्तर के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित सुकमा जिले का बालेतोंग इलाके के जंगल में सुबह से ही गोलियों की आवाज गूंज रही थी। उस दिन की मुड़भेड़ में वेट्टी रामा और उसकी बहन वेट्टी कन्नी का आमना-सामना हुआ था। वेट्टी कन्नी को यहां देखकर रामा के साथियों ने उसके दल पर फायरिंग शुरू कर दी।
एसएसपी शलभ सिन्हा : “इस कार्रवाई में किसी तरह वेट्टी कन्नी को भागने में सफलता मिल गई, लेकिन उसके दो साथियों को सुरक्षाबलों ने मौके पर ही मार गिराया गया।”
रक्षाबंधन पर बहन से मांगा तोहफा
वेट्टी रामा पर आठ लाख रुपये का इनाम था, लेकिन अब वह नक्सल उन्मूलन की जिम्मेदारी निभा रहा है। वेट्टी रामा का कहना है कि वह बहन को पत्र लिखकर नक्सल संगठन छोड़ने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उसे मायूसी ही हाथ लगी है। वह कहती है कि उसका कोई भाई नहीं है। अब फिर उसने पत्र के माध्यम से बहन से अपील की है कि वह नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो जाए। रामा ने कहा, ‘भले ही मेरी बहन त्योहारों को मनाने में विश्वास ना रखती हो, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह मेरी गुजारिश को इस बार जरूर स्वीकार करेगी। उन्होंने कहा, ‘रक्षा बंधन हैं, मैं एक बार फिर अपील करता हूं कि मुख्य धारा में लौट आओ मेरी बहन….
(फोटो और समाचार के अंश, जागरण और नवभारत टाइम्स से साभार)