पत्रकार पर झूठी एफआईआर कराने वाले थाना प्रभारी पर गिरी गाज।
बासी खाना परोसा, शिकायत हुई, खबर छपी… फिर पत्रकार पर केस! अब ढाबा मालिक और टीआई दोनों फंसे

रतलाम hct desk : में प्रेस की ताक़त एक बार फिर नज़र आई। अधिमान्य पत्रकार और रतलाम प्रेस क्लब के सदस्य दिव्यराज सिंह राठौर के खिलाफ बिना जांच एफआईआर दर्ज कराने वाले नामली थाना प्रभारी पातीराम डावरे को एसपी अमित कुमार ने लाइन अटैच कर दिया। यह कार्रवाई गुरुवार दोपहर प्रेस क्लब के विरोध प्रदर्शन के कुछ घंटों बाद ही हुई।
पत्रकारों का विरोध और एसपी से मुलाकात
गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे, प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेशपुरी गोस्वामी के नेतृत्व में सदस्य एसपी कार्यालय पहुंचे। पत्रकारों ने नारेबाजी करते हुए विरोध दर्ज कराया। अध्यक्ष ने एसपी को बताया कि 13 जुलाई को ढाबे पर बासी खाना परोसे जाने की शिकायत और 15 जुलाई को खाद्य विभाग की कार्रवाई की खबर छापने के बाद, मात्र पांच दिन में 18 जुलाई को पत्रकार के खिलाफ द्वेषवश एफआईआर दर्ज कर दी गई।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि शासन के आदेश के अनुसार अधिमान्य पत्रकार के खिलाफ बिना जांच प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता, फिर भी नामली थाना प्रभारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को बताए बिना केस दर्ज कर दिया।
तीन घंटे में कार्रवाई : टीआई की कुर्सी गई
पत्रकारों की आपत्ति सुनने के बाद एसपी अमित कुमार ने तत्काल जांच के आदेश दिए और शाम 6 बजे टीआई पातीराम डावरे को लाइन अटैच कर दिया। प्रदर्शन में रतलाम प्रेस क्लब के दर्जनों सदस्य मौजूद रहे, जिनमें यश शर्मा, सुजीत उपाध्याय, नीरज शुक्ला, मानस व्यास, चेतन शर्मा और कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल थे।
क्यों भड़की यह लड़ाई?
13 जुलाई की रात, पत्रकार दिव्यराज सिंह राठौर अपने साथियों संग सोनगरा ढाबा (नामली) पहुंचे। वहां बासी खाना परोसने पर उन्होंने आपत्ति जताई और बिल मांगा। संचालक ने बिल देने से इनकार करते हुए गाली-गलौज की। अगले दिन राठौर की तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में उनका इलाज हुआ, जहां फूड पॉइजनिंग की पुष्टि हुई।
15 जुलाई को उन्होंने ग्रामीण एसडीएम को शिकायत की, जिसके बाद खाद्य विभाग ने ढाबे पर जांच की और खबरें भी प्रकाशित हुईं। इसी खुन्नस में आकर 18 जुलाई को ढाबा कर्मचारी ने राठौर के खिलाफ नामली थाने में शिकायत दर्ज कराई और उसी दिन केस दर्ज हो गया।
ढाबा मालिक और कर्मचारियों के खिलाफ भी केस
पत्रकार की शिकायत पर 24 जुलाई को नामली थाने ने ढाबा मालिक अजयपाल सिंह, कर्मचारी देवीलाल धाकड़ और अर्जुन सिंह सोनगरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। राठौर ने आरोप लगाया कि ढाबा संचालक और स्टाफ ने न केवल गाली-गलौज की, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी और खराब खाना खिलाकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया।
