गरियाबंद के जंगल में माओवादियों की बड़ी साजिश नाकाम।
सीआरपीएफ और जिला बल की संयुक्त कार्रवाई में जंगल से दो घातक IED सहित नक्सली कैंप के साजो-सामान जब्त

मैनपुर hct : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गौरमुंड के सघन जंगलों में एक बड़ा नक्सली षड्यंत्र सुरक्षाबलों की तत्परता के चलते विफल हो गया। वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देशन में 65वीं बटालियन सीआरपीएफ की एफ कंपनी और जिला बल की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन के दौरान समय रहते कार्रवाई करते हुए 5 किलोग्राम के दो शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) कुकर बम बरामद किए, यह बम जंगल के ऐसे रास्तों में लगाए गए थे, जहां से जवानों की आवाजाही संभावित थी। वहीं, इनसे ग्रामीणों और उनके मवेशियों की जान पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा था। इसके साथ ही सोलर प्लेट, तार, बर्तन और अन्य नक्सली सामग्री भी जब्त की गई।
खुफिया सूचना पर कार्रवाई, टला बड़ा हादसा
मैनपुर थाना क्षेत्र के गौरमुंड जंगल में नक्सलियों की गतिविधियों की गोपनीय जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार असिस्टेंट कमांडेंट सुधीर कुमार के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया गया। गौरमुंड के अंदरूनी हिस्से में पहुंचने के बाद सुरक्षाबलों को संदिग्ध गतिविधियों के संकेत मिले। इसके बाद बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) ने इलाके की सावधानीपूर्वक जांच के बाद दो कुकर बमों का पता लगाया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया। ये बम न केवल सुरक्षाबलों, बल्कि आसपास के ग्रामीणों और उनके मवेशियों के लिए भी खतरा थे। समय पर कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया।
नक्सली ठिकाने से बरामद हुआ संदिग्ध सामान
सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों को नक्सलियों का एक अस्थायी शिविर का भी पता चला, जहां से सोलर प्लेट, तार, बर्तन और अन्य आवश्यक सामग्री बरामद की गई। इन वस्तुओं से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि माओवादी लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय थे और किसी बड़ी हिंसक वारदात की तैयारी कर रहे थे।
सुरक्षाबलों की सतर्कता की जीत
यह सफल कार्रवाई में गरियाबंद जिला पुलिस और सीआपीएफ की टीम का साहस, तत्परता और समन्वय का प्रमाण है। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई ने नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबल नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी तरह मुस्तैद हैं। सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई नक्सलियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि उनकी कोई भी साजिश अब छिप नहीं सकती।
गरियाबंद की मुस्तैदी का उदाहरण
यह ऑपरेशन यह दर्शाता है कि गरियाबंद जिले की सुरक्षा टीमें सिर्फ मुस्तैद ही नहीं, बल्कि हर स्थिति से निपटने में पूर्णतःसक्षम हैं। नक्सली अब अपने मंसूबों को ज्यादा समय तक अंजाम नहीं दे सकते, क्योंकि सुरक्षाबलों की चौकसी उन्हें हर कदम पर मात देने के लिए तैयार है।

