जैसा चाहे लूट ले, जितना चाहे लूट। मौका मिले न मिले कहीं न जाएं छूट।।
रायपुर। शहर में लुटेरों का राज कायम हो चुका है। नेता प्रदेश को लूट रहे हैं; भ्रष्ट अधिकारी जनता को और प्रशासन के नुमाइंदे व्यापारियों को…! अब सीधा-सीधा रायपुर नगर निगम को ही देख लीजिए
राजधानी रायपुर में नगर पालिका निगम ने तो लूट-खसोट में महारत ही हासिल कर रखी है ? अब कल ही एक पंसारी की दुकान से खबर मिली कि, दो युवक आए और ठेला में बैठे दुकानदार से रोड में कचरा फैलाने/फेकने के नाम से 100/- की मुतफ़रत रसीद काटकर चलते बने…!
उत्सुकतावश पास ही एक और दुकान संचालक से पतासाजी करने पर आश्चर्य से दंग रह गया…! बौखलाए दुकानदार ने ‘वसुलीबाज’ युवकों को अश्लीलता से लबरेज महाशब्दो के गजब इस्तेमाल से नवाजते हुए बताया कि :- गुटखा के महज दो खाली पाउच पड़े होने के कारण; नालायको ने 200/- का चूना लगा दिया।
अब एक स्थान पर एक ही जुर्म की दण्ड राशि अलग-अलग क्यों ? जबकि रसीद पुस्तिका एक ही है, जिसमे मोहर नहीं लगी है, मगर क्रमांक बढ़ते क्रम में क्रमशः…।
संदेह स्वभाविक है, इसमें आयुक्त/महापौर का वरदहस्त कहीं न कहीं अवश्यम्भावी है। अब सवाल यह उठता है कि अगर यह बात उनके संज्ञान में नहीं भी है तो देखना यह है कि मामले का प्रकाश में आने के उपरांत आयुक्त अथवा महापौर इस पर क्या स्पष्टीकरण/कार्रवाई करते हैं।