इन्द्रमणि कोल सायडिंग संचालक व रेलवे प्रशासन की लापरवाही करेंट से झुलसा श्रमिक।
कोल साइडिंग में काम कर रहा था श्रमिक, हालत गंभीर मामले को दबाने की कवायद...

मालगाड़ी की समय सीमा व तारपोलिंग नहीं लगाने की पेनाल्टी से बचाने कोयला सायडिंग संचालक ने लोडिंग कम्प्लीट की दी जानकारी।
जयराम रेल्वे स्टेशन मास्टर द्वारा बगैर पड़ताल किए ओएचई के करेंट सप्लाई को कर शुरू दिया।
बिलासपुर hct : इन्द्रमणि कोल सायडिंग संचालक व रेलवे की लापरवाही के चलते एक गरीब मजदूर ओएचई करेंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल श्रमिक को बिलासपुर के एक निजी बर्न अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
दरअसल जयरामनगर के इन्द्रमणि कोल सायडिंग में श्रमिक कोयला लोडिंग कर रहे थे इस दौरान कोयला लदे मालगाड़ी की ठहरने की समय सीमा ज्यादा होने व ट्रेन रैंक को बिना तारपोलिंन ढकने का पेनाल्टी बचाने के चक्कर मे स्टेशन मास्टर को इन्द्रमणि कोल सायडिंग संचालक द्वारा (कम्प्लेशन लेटर ) लोडिंग कम्प्लीट की जानकारी दिया गया, जिसके बाद जयराम रेल्वे स्टेशन मास्टर द्वारा बगैर पड़ताल किए ओएचई के विद्युत प्रवाह (current supply) चालू कर दिया गया; जिसके चलते श्रमिक ओएचई करेंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया।
एक तरफ रेल मंत्रालय रेल साईडिंग मे पर्यावरण प्रदुषण को लेकर बहुत ही गंभीर है,बगैर तारपोलिंग के कोयले से भरे माल गाड़ियों पर सख्त कार्यवाही के आदेश ऊपर आदेश दिए जा रहें है, साथ ही कोयला एक ज्वलन सील है जिसके लिए प्रत्येक (रैख) मे पानी का छिड़काव को लेकर भी सख्त है, लेकिन बिलासपुर जोन के जयराम नगर स्टेशन के समीप रेल सायडिंग मे कोयले से लदे मालगाड़ीयों मे ना ही पानी का छिड़काव किया जाता हैं और ना ही डिब्बे मे भरे कोयला के ऊपर तारपोलिंग का टेपिंग किया जा रहा हैं, जिससे जयराम नगर कोल डिपो से निकलने वाला प्रत्येक कोयले से लदे माल गाड़ियों से कोल डस्ट पर्यावरण मे जहर घोलने का काम कर रहा। इस कोल डिपो से निकलने वाला कुछ मे ही तारपोलिंग का इस्तेमाल हो रहा बांकी रेल्वे अधिकारियो के संरक्षण मे क्षेत्र के पर्यवरण को बर्बाद कर रहे है।
रेलवे के लचीले नियमो कोयला सायडिंग संचालक उठा रहे लाभ
रेल्वे प्रशासन के लचीले नियमो के चलते कोयला सायडिंग संचालक इसका भरपूर लाभ उठा रहें, पर्यावरण को प्रदुषण करने वाले लोग किसी भी माल गाड़ी के डिब्बे मे अगर तारपोलिंग नहीं लगाया जाता हैं तो रेल्वे उक्त कोल संचालक के ऊपर पर डिब्बे पीछे 18 सौ का पेनल्टी ठोकता हैं और अगर कोयले का परिवहन अन्य स्थान जाने वाले 1 डिब्बे का खर्च 3 हजार आता है इसलिए कोयले का परिवहन करने वाले लोग पेनल्टी देते है ताकि पर डिब्बे उन्हें 1हजार से 15 सौ तक का बचत हो जाए।
सुरक्षा मानकों का सही तरीके से पालन नहीं
रेलवे कार्यस्थलों पर श्रमिको की सुरक्षा के लिए कई नियम बनी है लेकिन उन पर अमल नहीं किया गया ऐसे मामलों में यदि सुरक्षा मानकों का सही तरीके से पालन किया जाता तो इस प्रकार के हादसे रोके जा सकते थे कुछ जरूरी सवाल जो उठते हैं।
- बिना सूचना दिए ओएचई लाइन चालू क्यों की गई?
- रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा मानको का पालन क्यों नहीं किया?
- क्या घटना की जिम्मेदारी तय कर दोषीयो पर कार्यवाही होगी?
- पीडित मजदूर और उसके परिवार को मुआवजा मिलेगा या नहीं?
- रेलवे प्रशासन को जवाबदेह बनाना जरूरी
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे हर कार्यस्थल पर सुरक्षा उपायों की जांच श्रमिकों को समय-समय पर सतर्कता परीक्षण और सुरक्षा मानको की कड़ाई से पालन की आवश्यकता है। सरकार और रेलवे मंत्रालय को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो मजदूर देश की रीढ़ होती है और उनकी सुरक्षा की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
