बाबा के बिगड़े बोल…!
“आंकड़े स्वयं बताते हैं कि, विगत 3 महीने में भी पूरे देश में कोरोना से मौतों की संख्या 6 हजार नहीं पहुची किन्तु न जाने स्वास्थ्य मंत्री किस विश्वविद्यालय से स्वास्थ्य विज्ञान की डिग्री हासिल कर रखी है, जो ऐसी भविष्यवाणी कर रहे हैं…!”
रायपुर। लगता है, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री असंतुलित हो गए हैं। तभी तो प्रदेशवासियों के कोरोना से ग्रसित होकर 6 हजार लोगों के मरने की संख्या बता रहे हैं…! चलो मान भी लेते हैं। तो ये बताइए उन 6 हजार में कितने VIP या जनता नायक होंगे? कि उक्त आंकड़े सिर्फ़ उनके हैं जिन्होंने वह सरकार चुनी है, जिसके दिग्गज ऐसा बयान देते हैं। जिनके ऊपर सुरक्षा व स्वास्थ्य का जिम्मा है, बाबा…उनके बोल ऐसे बिगड़ जाये ये उचित नहीं है।
ये तो अच्छा है कि ये मुख्यमंत्री के दौड़ में शामिल होने के बाद भी मुख्यमंत्री नहीं बने वरना इनके बयान के अनुसार छत्तीसगढ़ की स्थिति कुछ और होती। धन्य हो, भूपेश जी, कि अब तक छत्तीसगढ़ में आपके स्वास्थ्य मंत्री की नहीं चली, अन्यथा….।
हमने पूर्व में भी इंगित किया है कि तत्काल स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा लेकर इन्हें होम आइसोलेट कर दिया जाए; क्योंकि वैश्विक महामारी की दशा में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के बोल ऐसे हो; तो उनके कार्यक्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
आज जब छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों ने देश ही नहीं विदेशों में भी सम्मान बनाए रखा है; ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य मंत्री के बिगड़े बोल चिंता का विषय है तथा लगता है कि मुख्यमंत्री ना बनाए जाने से भी इनकी मनःस्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, जो उचित नहीं है।
आंकड़े स्वयं बताते हैं कि, विगत 3 महीने में भी पूरे देश में कोरोना से मौतों की संख्या 6 हजार नहीं पहुची किन्तु न जाने स्वास्थ्य मंत्री किस विश्वविद्यालय से स्वास्थ्य विज्ञान की डिग्री हासिल कर रखी है, जो ऐसी भविष्यवाणी कर रहे हैं ! वैसे भी ये स्वास्थ्य सुविधाओं के विषय मे असफल ही रहे हैं; ऊपर से सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना यही दर्शाता है की स्वास्थ्य मंत्री को आराम की आवश्यकता है और मुख्यमंत्री को चाहिए कि स्वास्थ्य मंत्री के स्वास्थ्य का उचित देखभाल करते हुए इन्हें तत्काल मुक्त कर स्वास्थ्य लाभ दिया जाए। ताकि आम जनता ऐसी बयानबाजी सुनकर भयभीत ना हो।
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