श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 46 मजदूर पहुंचे बालोद।
बालोद। प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विशेष ट्रेन (Shramik Special Train) के माध्यम से आज जिले के 46 मजदूर बालोद पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्हें पूरी तरह सैंनेटाइज कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसके बाद उन्हें अपने घरों के लिए रवाना किया गया। बाहरी राज्यों से घर लौटे मजदूरों ने बताया कि वे सरकार द्वारा संचालित विशेष ट्रेन से बालोद आए हुए हैं। ट्रेन के माध्यम से वे दुर्ग पहुंचे जहां उनका चेकअप हुआ। उसके बाद बालोद में पुनः चेकअप किया गया।
सरकार द्वारा मजदूरों को अपने घरों तक पहुंचाने विशेष ट्रेन ( Shramik Special Train) चलाई जा रही है। जिससे मजदूर अब बिना रुकावट अपने घरों तक पहुंच रहे हैं। पहले आवागमन की व्यवस्था ना होने के कारण मजदूर पैदल ही चल पड़ते थे। जिसके कारण कई सारी घटना भी सामने आई थी। कोई सायकल से तो पैदल ही अपने घरों के लिए चल पड़े थे। अब सभी मजदूर अपने घर को लौटने लगे हैं। सभी मजदूर हैदराबाद में होटल निर्माण कार्य आदि संस्थानों में कार्य करते थे। मजदूरों ने बताया कि वहां व्यवस्था ठीक-ठाक थी। मगर अपने प्रदेश पहुंचकर काफी अच्छा लग रहा है साथ ही मजदूरों ने सरकार का अभिवादन भी किया प्रशासन द्वारा पूरी निगरानी की गई।
गौरतलब है कि हैदराबाद से चलकर राजनांदगांव आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन (Shramik Special Train )आज सुबह राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पहुंची। जहां राजनांदगांव और कवर्धा जिले के मजदूर स्टेशन पर उतरे। जिला प्रशासन की टीम सुबह से ही मुस्तैद थी और स्वास्थ्य अमला भी यहां लगातार अपना काम कर रहा था। मजदूरों के स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद सभी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है। ट्रेन से उतरने के बाद रेलवे स्टेशन में सभी मजदूरों का पंजीयन किया गया। उनको पूरे पते के साथ रजिस्टर में नाम नोट कराया गया।
ताकि मजदूरों को किसी भी प्रकार की दिक्कत या जिला प्रशासन को इनकी जानकारी लेनी हो तो यह काम सरल हो सके। लगभग डेढ़ सौ से अधिक मजदूर राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पहुंचे। जहां उनको उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा निजी बस का सहयोग लिया गया। प्रशासन के द्वारा बस की व्यवस्था यहां की गई थी। जहां सुरक्षा व्यवस्था के बीच मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचाया गया। मजदूरों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे और महिलाएं भी शामिल थी। जो अपने जिले पहुंचने के बाद उनके चेहरे में खुशी स्पष्ट रूप से झलक रही थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन को अपने घर वापसी कराने के लिए धन्यवाद दिया और खुशी जाहिर की।
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