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Chhattisgarh

मधुशाला : गला भी तर, गल्ला भी तर…

*भरत सोनी।

छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड शराब बिक्री।

रायपुर। मंदिर मस्जिद बैर कराती, मेल कराती मधुशाला…., मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन की लिखी पंक्तियों का इतना महत्व है, आज पता चला। शायद इसलिए भयंकर महामारी के चलते जहाँ मंदिर-मस्जिद विगत डेढ़ माह से लॉक डाउन की स्थिति पर है। “तालाबंदी के दौरान भक्त-भगवान अपने-अपने घर पर ही तालाबंदी का पूर्ण पालन कर रहे हैं। तालाबंदी पर 40 दिनों से उत्पन्न भयावह स्थिति के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने आंशिक छूट देते हुए राहतों का पिटारा तो खोल दिया ! वहीं पूरे देश की कोविड व्यवस्था को 4 जोनों में विभक्त कर दिया। प्रत्येक जोन में पृथक-पृथक व्यवस्था की गई हैं। किन्तु किसी भी जॉन क्षेत्र में मंदिर – मस्जिद या अन्य भक्ति क्षेत्र को कोई प्राथमिकता नहीं रही, बल्कि डॉ हरिवंश राय के विचार ही अच्छे लगे और मेल-मिलाप के लिए मधुशाला के द्वार खोलने का शानदार निर्णय ले लिया गया, और मादुशाला के द्वार खुल गए। द्वार खुलते ही रुझान भी आना शुरू हो गया।

40 दिनों से स्तब्ध वातावरण में अचानक ही हरियाली छा गई। और वादियां गुलजार हो गई। मंदिर खुलने से जितना हर्ष नहीं हो सकता उतना हर्ष मदिरा प्रेमियों को मधुशाला खुलने से हो गया। जितना हर्ष मदिराप्रेमियों को, उतना हर्ष राजस्व पाकर राज्य की अर्थव्यवस्था को भी। 40 दिनों से सभी ड्राई डे पर चलने वालों का गाला भी तर्र और गल्ला भी तर्र। आखिर ये व्यवस्था की आवश्यकता क्यों हुई ?

जहाँ देश में लगभग 40 हजार की संख्या पहुँचती महामारी के मरीज ! एक हजार से अधिक मौतें…! श्रमिकों, पर्यटकों, छात्रों व अन्य लाखों लोग जो देश के कई राज्यों में फंसे हैं अव्यवस्था का शिकार, जनसैलाब, पलायन, गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी की गूंजती चीखों के बीच व जगह – जगह लंगर, भोजन बांटते शासकीय व स्वयंसेवी संस्थाओं की समर्पण भाव से सेवाए, आर्थव्यवस्था की दुहाई देते लोग..! लेकिन अचानक आज ये क्या हुआ जो लोग उक्त व्यवस्था व अर्थव्यवस्था की दुहाई दे रहे थे; मधुशाला खुलते ही सारी व्यवस्थाएं तरबतर हो गई।

कहते हैं 40 दिनों के लॉक डाउन में जिनके पास खाने की व्यवस्था नहीं थी, शासन का राशन व मनरेगा की रोजी के लिए लालायित थे; आज मधुशाला ने क्या गजब का मेल कराया और लोग घंटो सैकड़ों मीटर की लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। लगता है हमारा नेतृत्व बड़ा दूरदर्शी है इसने पलक झपकते ही सारी व्यवस्थाओं को नजरों के सामने लाकर सोचने पर विवश कर दिया कि क्या वास्तव में हमारी अर्थव्यवस्था कमजोर है?

सरकार ने इन लॉक डाउन में आम जनता के मनोरंजन को देखते हुए कई लोकप्रिय धारावाहिक शुरू किए जिनमे रामायण, महाभारत, चाणक्य … प्रथम- द्वितीय लॉक डाउन की समाप्ति के साथ डीडी -1 से रामायण की समाप्ति लेकिन डीडी भारती पर महाभारत तो चल ही रहा है। धारावाहिक में गीता उपदेश के बाद युद्ध प्रारम्भ और राज्य में 40 दिनों के तालाबंदी और कोरोना हराओ के उपदेश के बाद घर घर, गली गली महाभारत के लिए मधुशाला भी तैयार…। विक्रेताओं ने तो पहले से भी ज्यादा सहूलियतें प्रदान की है। अब घर बैठे ऑन लाइन कोई भी मधु-मदिरा प्राप्त कर सकता है और तो पौव्वा, अध्धी, बॉटल ही नहीं 5000 एमएल तक मदिरा मात्र 120/- रु अतिरिक्त भार के साथ आपके द्वार तक पहुँच जाएगी।

जानकारी के अनुसार मदिरा सुविधा आप अब अपने मोबाईल से ऍप डाउनलोड कर भी प्राप्त कर सकते हैं और अपनी पसंद की मदिरा के लिए घंटों लम्बी लाईन लगाने की भी आवश्यकता नहीं, सब कुछ अपके हाथ में; हाथों का जादू के साथ कुछ ही समय में आपकी मनपसंद मधु-मदिरा आपके दरवाजे तक पहुँच जाएगी। है न कमाल की बात..! अब इसकी सफलता पर भी गौर कीजिए जानकारी के अनुसार एक ही दिन में राज्य ने 25 करोड़ से भी अधिक की रिकार्ड तोड़ आय प्राप्त की है ! वह भी प्रदेश की लगभग 600 दुकानों से जबकि सभी दुकाने नहीं खोली गई। इस प्रकार देखा जाए तो अन्य दिनों की अपेक्षा व्यापक पैमाने पर बिक्री हुई है।

शराब : ऑनलाइन अब आपके द्वार

देश में कोविड-19 की स्थिति की व्यापक समीक्षा उपरांत भारत सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने लॉकडाउन को 4 मई से दो सप्ताह और बढ़ाने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत आदेश जारी किया है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने इस अवधि में विभिन्न गतिविधियों या कार्याें के विनियमन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए, जो देश के जिलों के रेड (हॉटस्पॉट), ग्रीन और औरेंज जोन में बदलने के जोखिम पर आधारित है। भारत सरकार के आदेश के अध्याधीन छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 4 मई से सोशल एवं पर्सनल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राज्य की मदिरा दुकानों को संचालित करने के निर्देश जारी किए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से होम डिलिवरी की अनुमति भी शासन के द्वारा प्रदान की गई है।

राज्य की मदिरा दुकानें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पाेरेशन के द्वारा संचालित है। शासन के आदेश के पालन में मदिरा दुकानों में भीड़ को नियंत्रित करने सोशल एवं पर्सनल डिस्टेंसिंग के पालन के दृष्टि से डेलिवरी बॉय के माध्यम से मदिरा प्रदाय किये जाने की व्यवस्था की शुरूआत की गई है।

वेबसाइट के माध्यम से मदिरा की डेलिवरी की बुकिंग की जा सकती है। बुकिंग वेबसाइट में जाकर अथवा गूगल प्ले स्टोर में CSMCL APP खोजकर उसे एन्ड्राइड मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है तथा मोबाइल के माध्यम से भी बुकिंग की जा सकती है। अपनी पसंद की मदिरा अपनी आवश्यकता अनुसार क्रय कर सकता है। ग्राहक एक मदिरा दुकान से एक बार में 5000 एम.एल. तक मदिरा डोर डिलिवरी के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। मदिरा प्रदान किए जाने पर उन्हें मदिरा की मूल्य तथा डेलिवरी चार्ज 120 रूपए का भुगतान करना होगा।

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