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पत्रकारिता की आड़ में भयादोहन कर उगाही करने वाले पत्रकार दंपत्ति के घर में पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए दी दबिश।

।।घोषणा।।
चूँकि पत्रकारिता एक पवित्र कार्य है जिससे कुछ शातिर, लोभी एवं आपराधिक मानसिकता के लोगों के अपनाकर इस पवित्र क्षेत्र को बदनाम कर रहे हैं इस समाचार को प्रसारित किए जाने का हमारा उद्देश्य किसी पत्रकार एवं पत्रकारिता के कार्य से जुड़े किसी की भावना की आहत करने का नहीं है बल्कि ऐसे लोगों का चेहरा समाज के सामने लाने का प्रयास मात्र है।  ~सम्पादक

HCT:रायगढ़। गौरतलब हो कि खरसिया में आतंक और भय का पर्याय बने वैष्णव दम्पत्ति पत्रकारिता कि आड़ में भयादोहन कर उगाही करते थे। उन्हीं के विरुद्ध बीते दिनों खरसिया चौकी में FIR दर्ज की गई थी, जिसमें उन्हें सरकारी कर्मचारी से भयादोहन कर दो लाख रु की मांग करने और पैसे न देने की एवज में उसकी चरित्र हत्या करने के मामले में पुलिस चौकी खरसिया में दिनांक 24.04.2020 को महिला एवं बाल विकास विभाग में सहायक ग्रेड-01 के पद पर कार्यरत खिलावन सिंह राठौर पिता स्व. श्याम सुंदर राठौर निवासी पुरानी बस्ती वार्ड नं. 07 खरसिया द्वारा लिखित आवेदन देकर खरसिया के भूपेन्द्र वैष्णव व एवं उसकी पत्नी आरती वैष्णव के विरूद्ध जुआ के मामले फँसाने की धमकी देकर दो लाख रुपये मांगने, जान से मारने की धमकी देते हुए झूठा बालात्कार के मामले में फंसाने की धमकी देने, झूठी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल कर इन्हें बदनाम कर छवि धुमिल करने, के मामले में आवेदक के आवेदन पर आरोपीगण के‍ विरूद्ध अपराध क्रमांक 220/2020 धारा 451, 384, 387, 506(बी), 120(बी), 34 आईपीसी दर्ज किया गया है।

प्रकरण की विवेचना के दरमियान खरसिया पुलिस के द्वारा पीआरओ से इनके द्वारा चलाए जा रहे न्यूज पोर्टल के ये दोनों अधिकृत व्यक्ति है या नहीं इसकी जानकारी ली गई, जानकारी में पता चला कि वर्तमान में दोनों ही अनादि न्यूज से जुड़े ही नहीं है और इनके द्वारा सोशल मीडिया में प्रार्थी/रिपोर्टकर्ता खिलावन सिंह राठौर को बदनाम करने की नियत से न्यूज चलाया गया था, जिस पर इस प्रकरण में धारा 419, 420 आईपीसी एवं आरती वैष्णव द्वारा झूठे बलात्कार के प्रकरण में फंसाने की धमकी देने पर धारा 388 आईपीसी जोड़ी गई है। इसी प्रकरण में दोनों आरोपियों द्वारा अग्रिम जमानत के लिए आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था, जिनके अग्रिम जमानत आवेदन खारिज होने की जानकारी मिलने पर आज खरसिया पुलिस वैष्णव दंपत्ति के घर गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो तब उनके द्वारा मुख्य दरवाजे को अंदर से बंद कर दरवाजे को खोला नहीं जा रहा था और काफी उछल कूद मचाया गया। काफी समझाइश के बाद भी पुलिस व प्रशासन को सहयोग नहीं करने पर मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट खरसिया को बुलाया गया। जिनके समक्ष उक्त कार्यवाही का पंचनामा, वीडियोग्राफी कर दरवाजा तोड़कर घर अंदर तलाशी ली गई।

पत्नी गिरफ्तार; पति फरार…. लॉक डाउन उल्लंघन का भी होगा दर्ज हुआ अपराध..!

अंदर आरती वैष्णव मिली जिसे हिरासत में लिया गया। उसका पति भूपेंद्र वैष्णव भी इस प्रकरण का आरोपी है जो मौके से फरार हो गया है, जिसकी पूरे शहर में पतासाजी की गई जो अन्यत्र कहीं फरार है। भूपेंद्र वैष्णव के विरुद्ध लाक डाउन नियम के उल्लंघन करने का पृथक से अपराध पंजीबद्ध किया जावेगा। आरोपिया आरती वैष्णव पति भूपेन्द्र वैणव उम्र 35 साल निवासी खरसिया के पूर्व अपराधिक इतिहास जिसके अनुसार उसके विरूद्ध 03 अपराध, जिसमें विशेष वर्ग की महिला के आफिस में जाकर बलवा सहित लूट करने, आमजन से गाली गलौच करने एवं जातीय हिंसा फैलाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने का अपराध दर्ज किया गया है, उसकी भी जानकारी न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किये जाने के दौरान पेश किया जावेगा। आरोपिया की गिरफ्तारी के बाद थाना प्रभारी खरसिया अपने स्टाफ के साथ उसे जे.एम.एफ.सी. खरसिया के न्यायालय में रिमांड पर प्रस्तुत करने रवाना हुये है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों पत्रकार दम्पत्तियों ने पत्रकारिता व फेसबुक को एक हथियार की तरह उपयोग कर दर्जनों लोगों की चरित्र हत्या किया है और बेवजह दर्जनों लोगों को परेशान किया है। खरसिया शहर में ही कई लोग है जो इनके दहशतगर्दी का शिकार हुए हैं। बेवजह किसी का नाम बिना सबूत के लिखकर उन्हें बदनाम करना इनका पेशा बन चुका था लेकिन आज इन्हें कानून ने अपने शिकंजे में जकड़ा है जिसके कारण इनसे पीड़ित लोगों को उम्मीद है कि इन्हें सख्त सजा मिलेगी।

आरोपी दम्पत्ति ने अग्रिम जमानत का आवेदन सत्र न्यायालय रायगढ़ में लगवाया। जिस पर आज न्यायालय में सुनवाई हुई आरोपी दम्पत्ति के अग्रिम जमानत का विरोध पीड़ित शिकायतकर्ता खिलावन सिंह राठौर की तरफ से जिले के जाने माने अधिवक्ता अशोक मिश्रा और युवा अधिवक्ता आशीष मिश्रा ने की किया। उन्होंने न्यायालय को यह बताया कि आरोपियों के विरुद्ध इस संगीन अपराध के अलावा कई और गम्भीर शिकायतों में जांच चल रही है। वे जमानत पर छूट कर पुलिस की जांच को प्रभावित कर सकते हैं। अतः इन परिस्थितियों में आरोपियों को अग्रिम जमानत का लाभ नही दिया जाना उचित होगा। माननीय न्यायाधीश ने अधिवक्ता आशीष मिश्रा के प्रस्तुत तर्क को समझते हुए आरोपी वैष्णव दम्पत्ति को अग्रिम जमानत का लाभ देने से इंकार कर दिया। समाचार लिखे जाने तक यह जानकारी मिली है कि आरोपी आरती वैष्णव की गिरफ्तारी हो गई है वही भूपेंद्र वैष्णव मौके से फरार हो गया है, जिसकी तलाश में खरसिया पुलिस लग गई है।

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