चिरमिरी में हो रही है जम के राजनीति, चंदन गुप्ता को भेजा गया जेल ! गिरफ्तारी का कारण यह छोटी सी पोस्ट है।
गरीबों की मदद करना चंदन गुप्ता को पड़ गया महंगा।
या तो आप कुंआ का मेढ़क बनकर रह जाना चाहते हैं।
या फिर आपको कोई गुमराह कर रहा है, विधायक जी…
लॉक डाउन के लगभग दूसरे दिन से ही जरूरतमंदों तक राशन सामग्री पहुंचा कर मदद करने की सजा जेल ! शायद पहले कभी ऐसा नहीं हुआ होगा, लेकिन चिरमिरी में एक ऐसी घटना देखने को मिली…
*दीपेंद्र शर्मा।
कोरिया। हल्दीबाड़ी के निवासी चंदन गुप्ता जो कि सब्जी व्यापारी हैं, चंदन ने बिना किसी स्वार्थ के लॉक डाउन में गरीबों के बारे में सोचा और राशन व सब्जियां लेकर निकल पड़े जरूरतमंदों की सहायता के लिए; यह सोचकर कि क्षेत्र के गरीब जनता के घरों के चूल्हे ठंडे न पड़े, कोई भूख से ना बिलखे। उन्होंने निस्वार्थ भाव से लगभग 70 से 80 घरों को हर दिन राशन पहुंचाने वाले चंदन से एक गलती हुई, चंदन ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाला जिसकी वजह से वह चर्चा का विषय बन गया। कुछ नेताओं को उस पोस्ट पर आपत्ति हुई जिसके कारण यह मामला चिरमिरी थाने तक पहुंचा और अपराध पंजीबद्ध कर चंदन को मनेंद्रगढ़ जेल भेज दिया गया।
भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष रघुनंदन यादव के मुताबिक चंदन अपने पोस्ट की वजह से नहीं बल्कि चिरमिरी नगर पालिक निगम के कुछ वार्डों में राशन सामग्री बांटना ही उसकी गलती हुई और उसे इस गलती की सजा मिली। फेसबुक का पोस्ट तो एक बहाना था। रघुनंदन यादव ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र का नाम दिया, मंडल अध्यक्ष ने कहा की नगर पालिक निगम जरूरतमंदों तक समय पर राशन पहुंचाने में असमर्थ था ऐसे में निगम प्रशासन को चंदन का आभार व्यक्त करना चाहिए था क्योंकि चंदन ने कहीं ना कहीं प्रशासन की मदद ही की थी और उसके एक पोस्ट वाली गलती को नजरअंदाज कर मामले को खत्म कर देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ !
गिरफ्तारी का कारण यह छोटी सी पोस्ट है।
तो लानत है आप पर, निःस्वार्थ भाव से किया गया सेवा का सिलसिला ऐसे मिलेगा, चंदन गुप्ता ने कभी सोचा नहीं होगा। इसके दो लाइन के फेसबुक विचार से आप लोग इतने आहत हो जाएंगे यह सोचकर चिरमिरी की जनता हतप्रभ है।
या तो आप कुंआ का मेढ़क बनकर रह जाना चाहते हैं।
या फिर आपको कोई गुमराह कर रहा है, विधायक जी…
गुमराह तो चंदन गुप्ता भी हुआ है; लेकिन कोरोना वायरस के संकट में जेल जाने जैसा नहीं। जहां चारों और लोगों की मांग है कि कोरोना वायरस के संकट में जेल से कैदियों को छोड़ा जाए, वह इसलिए की हर जेलों में क्षमता से अधिक कैदी की उपस्थिति दर्ज है। जहाँ सोशल डिस्टेन्स का पालन कम ही संभव है। सोशल मीडिया पर अपने विचार रखने के कारण चिरमिरी पुलिस उसे सीधे जेल भेज देती है, अगर वह कोरोना संक्रमित हो गया तो तय है उसके जिम्मेदार चिरमिरी पुलिस होगी या आप।
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