Welcome to CRIME TIME .... News That Value...

Chhattisgarh

यह प्रधानमंत्री का संदेश है या किसी तांत्रिक-धर्मगुरू का ?

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी के आज के संदेश को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि उनका संदेश एक प्रधानमंत्री का कम और किसी तांत्रिक या धर्मगुरु का संदेश ज्यादा लगता है। यह केंद्र सरकार के राजनैतिक दिवालियापन को ही उजागर करता है, जो कोरोना के खिलाफ संघर्ष में अपनी असफलता को छुपाने के लिए टोने-टोटकों का सहारा ले रही है।

आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि जब पूरे विश्व में यह महामारी एक संकट के रूप में सामने आई है और सभी देश अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और इस महामारी से बचने के लिए चिकित्सा-अनुसंधान पर जोर दे रहे हैं, भारत सरकार का देश की जनता से थाली और घंटा बजवाने के बाद अंधेरे में रोशनी करने का फार्मूला भारतीयों की विश्व समुदाय में खिल्ली ही उड़वा रहा है।

संजय पराते सचिव : माकपा।

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि इस महामारी के चलते जब पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही है, प्रधानमंत्री से यह आशा की जा रही थी कि वे नागरिकों के दुख- दर्दों के बारे में, गिरती अर्थव्यवस्था को थामने के संबंध में और इस महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे चिकित्सा उपायों के बारे में देश की जनता के सामने अपनी बातें रखेंगे।

उन्होंने कहा कि अब यह सर्वज्ञात तथ्य है कि अनियोजित लॉक-डाऊन के कारण आज लाखों असंगठित मजदूर सड़कों पर भूखे मर रहे हैं। इस महामारी के आगे हमारे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की लाचारी भी खुलकर सामने आ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन आने वाले दिनों में भारत में 30,000 से ज्यादा मौतों की चेतावनी दे रहा है। नागरिकों के पास साधारण सुरक्षा किट तक नहीं है, चिकित्सकों के पास सुरक्षा परिधान (पीपीई) नहीं है और संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए पर्याप्त किट तक इस देश में उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में ना तो बीमारी का पता लगाया जा सकता है और ना ही उनका सही इलाज किया जा सकता है। लेकिन इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी से अब यह स्पष्ट है कि उन्होंने पूरे देश की जनता को बीमारी और भुखमरी से मरने के लिए छोड़ दिया है।

https://youtu.be/ezTGy7XnTiU

माकपा ने संघी गिरोह द्वारा सोशल मीडिया व अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए इस महामारी की आड़ में जनता में फूट डालने के अभियान की भी तीखी निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि इस संकट से निपटने के लिए वास्तविक आर्थिक व चिकित्सा उपायों को करने के बजाय ग्रामीणों को शहरियों के खिलाफ, मध्यवर्ग को असंगठित मजदूरों के खिलाफ तथा हिंदुओं को मुस्लिमों के खिलाफ खड़ा करने तथा इन तबकों को कोरोना का वाहक बताने का राजनीतिक अभियान चलाया जा रहा है और यह सब प्रधानमंत्री की जानकारी में हो रहा है।

माकपा ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी देश में वैज्ञानिक विचारों के प्रसार की अगुवाई करने के बजाय अवैज्ञानिक विश्वासों व विचारों को गढ़ने में लगे हैं और इससे देश मे कोरोना महामारी का प्रकोप और ज्यादा बढ़ेगा।

*संजय पराते
सचिव, माकपा, छग
(मो) 094242-31650

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page