अरपा कोलवासरी जनसुनवाई, 25 अगस्त को ग्रामीणों का तीव्र विरोध…
अरपा कोलवासरी स्थापना पर बवाल : 25 अगस्त को जयरामनगर में होगी जनसुनवाई, ग्रामीणों का कांग्रेस नेताओं संग कड़ा विरोध।

बिलासपुर hct : अरपा कोलवासरी की स्थापना को लेकर एक बार फिर क्षेत्र में माहौल गरम है। आगामी 25 अगस्त 2025 को जयरामनगर स्थित मिनी क्रिकेट स्टेडियम में जनसुनवाई तय की गई है। इस जनसुनवाई में कांग्रेस नेता टाकेश्वर पाटले (सचिव जिला कांग्रेस कमेटी, बिलासपुर) और उदय भार्गव (उपाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, मस्तूरी) के नेतृत्व में आसपास के 20 से अधिक पंचायतों के सरपंच, ग्रामवासी और जनप्रतिनिधि एकजुट होकर कोलवासरी परियोजना का पुरजोर विरोध करेंगे।
ग्रामीणों का आरोप है कि पहले से ही एनटीपीसी के राखड़ बांध से समूचा क्षेत्र त्रस्त है। गर्मियों में राखड़ का धूल उड़कर लोगों के जीवन को दूभर बना देता है, वहीं बारिश के मौसम में रिसाव से खेत और फसलें बर्बाद हो जाती हैं। अब यदि अरपा कोलवासरी की स्थापना हो जाती है तो प्रदूषण की दोहरी मार झेलनी पड़ेगी।
इसके पहले भी 7 जनवरी 2025 को परसदा (किसान) में प्रस्तावित जनसुनवाई कलेक्टर कार्यालय के आदेश पर स्थगित करनी पड़ी थी। विरोध के स्वर इतने तीव्र थे कि प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े। अब दोबारा जनसुनवाई तय हुई है और ग्रामीण साफ कर चुके हैं कि वे इस बार और भी सख्त रुख अपनाएँगे।
भारी वाहनों से हादसे का डर
ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनी सड़कों पर पहले ही ट्रैफिक का दबाव है। कोलवासरी के खुलने पर भारी वाहनों की आवाजाही से राहगीरों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। रलिया, भिलाई, बेलटुकरी और जयरामनगर जैसे गाँवों में स्कूली बच्चे और महिलाएँ रोज इन्हीं सड़कों से गुजरते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि हादसे निश्चित हैं और इसकी कीमत आम लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ेगी।
मनरेगा की सड़क पर भी उठे सवाल
विवाद का एक और पहलू यह है कि जिस स्थान पर कोलवासरी प्रस्तावित है, वहाँ मनरेगा मद से 25 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कराया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क का उनके लिए कोई उपयोग नहीं है। यह निर्माण केवल कोलवासरी तक वाहनों की पहुँच आसान बनाने के लिए किया गया है, जो सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों की मिलीभगत का नतीजा है। यही वजह है कि गाँव में इसका भी खुलकर विरोध हो रहा है।
गैस पाइपलाइन से गंभीर खतरे की आशंका
ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि कोलवासरी तक पहुँचने वाली सड़क के किनारे गैस पाइपलाइन बिछी हुई है। भारी वाहनों की आवाजाही से पाइपलाइन को नुकसान पहुँचने की संभावना है। यह स्थिति किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। रोजाना सैकड़ों ग्रामीण, महिलाएँ और स्कूली बच्चे इस मार्ग से गुजरते हैं। ऐसे में किसी भी क्षति की स्थिति में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान होना तय है।
ग्रामीणों का कहना है कि कोलवासरी की स्थापना से क्षेत्र की हरियाली, जलस्रोत और जीवन पूरी तरह प्रदूषित हो जाएगा। उनका संकल्प साफ है कि इस जनसुनवाई में वे अपनी आवाज बुलंद करेंगे और किसी भी कीमत पर कोलवासरी की स्थापना नहीं होने देंगे।

