रायपुर (hct)। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने अपने बेटे की विदेश में शिक्षा के लिए पाठ्य पुस्तक निगम में अपनी पदस्थापना के दौरान काफी गड़बड़झाला किया है जिसका ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासा हुआ है।
अशोक चतुर्वेदी ने इसके लिए बेहद ही सुनियोजित ढंग से होप इंटरप्राइजेस व होप कंस्ट्रक्शन नामक फर्म का अपने ही परिजन के नाम से गठन कर करोडों रुपए का ठेका देकर महाघोटाला को अंजाम दिया है। आपको बता दें कि तब अशोक चतुर्वेदी का बेटा आदित्य चतुर्वेदी एंटीगुआ में प्री मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान अति अल्प अवधि में उसके द्वारा गठित फर्म को लगभग नब्बे करोड़ के आसपास इन्कम होने का अनुमान है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब अशोक चतुर्वेदी के द्वारा गठित फर्म के कर्ताधर्ता में लेन-देन के मामले में आपसी तनातनी हुई जिसे लेकर दुर्ग जिला के खुर्सीपार थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई।
हालांकि इस मामले में अशोक चतुर्वेदी ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए स्वयं को पाक-साफ बताते हैं और अपने ही विभाग में हुए अरबों के घोटाले की जांच का मांग करते हुए “गीतासार से उद्धृत शिकायतनामा”; दिनांक 13 दिसंबर 2019 को सन 2005-2006 से 2019 -20 तक के कार्यकलापों की जांच की मांग प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग, महानदी भवन, मंत्रालय नवा रायपुर को लिखकर दी, जिसकी प्रतिलिपि :-
1.प्रमुख सचिव माननीय मुख्यमंत्री महोदय,
2.निज सचिव माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय,
3.स्टाफ ऑफिसर माननीय मुख्य सचिव महोदय,
4.अतरिक्त पुलिस महानिदेशक, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो।
5. पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो।
6. पुलिस अधीक्षक एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर छत्तीसगढ़ को प्रेषित की जा चुकी है।
ज्ञात होवे कि वर्तमान महाप्रबंधक, अशोक चतुर्वेदी बरसों से निगम में चिपके हुए हैं और हाल ही में सरकार ने उनका वहां से तबादला कर दिया था, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट से तबादले के खिलाफ स्टे ले लिया है।
मगर “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” का राग अलापने वाले प्रदेश के सौम्य मुखिया भूपेश बघेल के कुछ ऐसे सिपहसालार इस मुद्दे में जानबूझकर अड़ंगा डालने के प्रयास में लगे होने की आशंका जताई जा रही है।