सारंगढ़। रायगढ़ को जोड़ने वाली महत्वूपर्ण चंद्रपुर पुलिया के बीच में एक हिस्सा टूट कर गिर गया। इस घटना के बाद कलेक्टर जांजगीर चांपा के द्वारा इस पुल पर भारी वाहनो का आवागमन को बंद कर दिया गया है। जिसके कारण से सारंगढ़ से रायगढ़ जाने वाली भारी वाहनो को पुसौर से होकर जाना पड़ रहा है। वही जर्जर होने के कारण से हर साल पुल का कोई ना कोई हिस्सा टूट रहा है, जिससे आशंका जाहिर किया जा रहा है कि कभी भी बड़ा हादसा इस पुल पर हो सकता है।
महानदी पर बना चंद्रपुर पुल नेशनल हाईवे 153 का आवागमन के लिये सर्वाधिक व्यस्त पुल है। यह पुल रांची से रायपुर को जोड़ता है तथा प्रतिदिन सैकड़ो भारी वाहनो के साथ साथ इस क्षेत्र की लाईफ-लाईन इस पुल से होकर गुजरती है। इस पुल के जर्जर होने की खबरे बीते दो वर्षा से आ रही थी किन्तु नाम मात्र की मरम्मत कर एन.एच.सेतु विभाग अपना पल्ला झाड़ लेती थी।
इस वर्ष 30 जून से शुरू हुआ मानसून की झड़ी ने इस पुल पर किया गया थूक पालिश रूपी मरम्मत की पोल खोलकर रख दिया तथा एक बड़ा हिस्सा टूट कर गिर गया। जहा पर हिस्सा गिरा वहा पर की छड़ भी निकली हुई दिख रही है तथा आसपास के सड़क पर दरारे साफ दिख रही है जिससे आशंका जताई जा रही है कि पुल का बड़ा हिस्सा कभी भी गिर सकता है। इस पुल की जर्जर अवस्था देखते हुए कलेक्टर जांजगीर चांपा के द्वारा तत्काल इस पुल पर भारी वाहनो का प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है तथा भारी वाहनो और बड़ी बसो को पुल से आवागमन से रोका जा रहा है तथा पुसौर के सूरजगढ़ पुल के सहायता से आवागमन करने के लिये रूट को डायर्वट कर दिया गया है।
“क्षेत्र की लाईफ-लाईन है चंद्रपुर की पुलिया”
सारंगढ़ अंचल के लिये चंद्रपुर पुलिया बड़ा महत्व रखती है। महानदी पर बने चंद्रपुर पुल के अर्धसफर में ही मॉ नाथलदाई का प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है वही पुल के दूसरे मुहाने पर मां चंद्रहासिनी का प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है। सारंगढ़ से रायगढ़ आवागमन करने वालो के लिये यह एक मात्र पुल हुआ करता है इस कारण से आज भी काफी संख्या में क्षेत्रवासी इस पुल का उपयोग करते है। नेशनल हाईवे 153 रायगढ़ से सारंगढ़ होते हुए सराईपाली के लिये यह पुल बहुत महत्वपूर्ण है। जबकि जशपुर अंचल को राजधानी रायपुर से जोड़ने मे चंद्रपुर की महती भूमिका है। किन्तु जिस तरह से इस पुल का रखरखाव सिर्फ कागजो पर ही हुआ है तथा लाखो रूपये का खर्च दर्शाकर इस पुल मे फर्जीवाड़ा किया गया है उससे साफ है कि कभी भी इस पुल मे बड़ा हादसा हो सकता है। इस पुल में हर वर्ष नाम मात्र का मरम्मत कर लाखो रूपये का देयक निकाल कर भुगतान का गड़बड़झाला किया जाता है। इस पुल के निर्माण के बाद से ही इस पुल पर कोई विशेष ध्यान नही दिया गया है। इस पुल पर भारी वाहनो के आवागमन पर प्रतिबंध से अब सारंगढ़ और सराईपाली जाने वाली भारी वाहनो को पुसौर-सरिया-बरमकेला होकर सारंगढ़ और सराईपाली की ओर सफर करना पड़ेगा। वही अधिकारियो के लिये सोने की अंड़ा देने वाली मुर्गी बनी चंद्रपुर पुलिया में फर्जी मरम्मत दर्शाकर लाखो रूपये का गोलमाल करने वाले अधिकारी फिर से फर्जीवाड़ा कर बिल उगाही के कार्य मे लग गये है।