दो युवकों पर जानवर चोरी का आरोप लगाकर अमानवीय भीड़ ने की जानलेवा मारपीट।
पुलिसिया कार्रवाई में झोलझाल, आरोपियों का साथ निभाकर प्रताडितों को भेजा जेल !
वर्दीवालों पर भी मारपीट का आरोप।
*प्रियंका शुक्ला की खबर पर आधरित
“मोदी युग” प्रारम्भ हो चुका है और इसी के साथ इंसानियत ने अपना चोला बदलकर हैवानियत का खाल पहन लिया है। “सावधान मनुष्य तेरा समय निकट आ चुका है।” (दिनेश कुमार सोनी)
बिलासपुर। दो युवक अभिषेक मोंगरे और शुभम को कुछ गुंडेनुमा लोगों ने सूअर चोरी का आरोप लगाकर बुरी तरह मारा पीटा गया, उसका वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर जारी भी किया दिया ! दोनों युवक दयनीयता से कहते रहे कि उनका चोरी से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं; लेकिन, वह लोग नहीं माने और जानलेवा पिटाई करते रहे। वो लोग इनकी जान भी ले सकते थे कि किसी के फोन करने पर पुलिस पहुंची। लेकिन पुलिस ने हमलावरों की जगह इन दोनो को ही पकड कर जेल भेज दिया। युवको का आरोप है कि उन्हें ढंग से इलाज भी नहीं कराया गया और पुलिस ने भी उनके साथ मारपीट की। अभिषेक मोंगरे शुभम और इसकी मां पिछले तीन दिनो से भटक रही है न्याय के लिए।
अभिषेक की मां द्वारा पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर को लिखित शिकायत करके न्याय की मांग के साथ-साथ पुलिस पर भी प्रश्न खड़े किए है।
मार खाने वाला अभिषेक मोंगरे और शुभम ललपुरे को पुलिस द्वारा सूअर चोरी के आरोप में जेल में डाल दिया और माँ के हिसाब से पुलिस द्वारा भी दोनो लडको के साथ खूब मारपीट भी करी गई है।
घटना सरकंडा के बंधवा पारा की है।
सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला ने परिजनों के साथ पुलिस के उच्च अधिकारियों से संपर्क किया और सरकंडा थाने जाकर पूरे हमले पर आगे की कार्यवाही की।
प्रिंयंका ने बताया कि युवक की मां ने एसपी और अन्य अधिकारियों से आवेदन दिया और निवेदन किया। एसपी बिलासपुर को संबोधित पत्र में लिखा है कि मैं माधवी मोगरे पति राजेन्द्र मोगरे, जाति अनुसूचित जाति के बेटे अभिषेक मोगरे ने बताया था कि द्वारा मुझे दिनांक 26/06/2019 को बोला गया था कि वो काम ढूंढ रहा है और जल्द ही कोई काम करने लगेगा, जिससे हमारे घर को चलाने में मदद मिल सकेगी और अगले दिन 27/06/2019 को सुबह लगभग 06 : 30 बजे वह घर से निकल गया। मुझे लगा कि वो काम ढूंढने के लिये ही कही गया होगा।
27 जून को ही लगभग 11 बजे मेरे पडोस में रहने वाली एक महिला ममता द्वारा मुझे खबर मिली कि मेरे बेटे अभिषेक के साथ जानवरों की तरह मारपीट की गयी है और उसका विडियो बनाकर वायरल किया गया है और न सिर्फ लोगों द्वारा बल्कि पुलिस के द्वारा भी मेरे बेटे के साथ बहुत बुरी तरह मारा पीटा गया है, और उसको फर्जी चोरी के आरोप में जेल में डाल दिया गया है। जिसके बाद मैं अपने बेटे से मिलने के लिये अपने एक महिला मित्र के साथ कोर्ट पहुची तो मेरे लड़के को पुलिस के द्वारा कोर्ट लाया गया था और मैंने देखा कि उसका चेहरा पूरी तरह सूजा हुआ था। चोट के निशान हर जगह पर दिख रहे थे।
https://youtu.be/0XAfrAmIZDI
मां को अभिषेक ने बताया कि मुझसे जबरन मारपीट की है और पुलिस ने डॉक्टर को भी ठीक से दिखाया नहीं गया है। उसने कहा कि एक लडका शुभम ललपुरे, बापुउपनगर, बुधवारी बाजार के द्वारा बोला गया कि मुझे बंधवापारा सरकडा छोड दें, जिस पर अभिषेक द्वारा उसको छोड़ने के लिये बंधवापारा ले जाया गया, तो अचानक वहा पर कुछ लोगो ने पकड़ लिया और उसके हाथ पैर बांध दिए। पहले बोलते रहे कि अपना नाम बताओं और जब नाम बताया कि मेरा नाम अभिषेक है, तो बोले साले जानवर चोरी करने आया है, अभिषेक ने बताया कि लड़के को छोड़ने के लिये आया था, कोई चोर नहीं हूं। उसके बावजूद किसी ने उसकी नहीं सुनी और लोहे के तार, लात-घुसे, डंडा, थप्पड और जिसको जो मिला उससे मारपीट करना शुरू कर दिया गया। फिर पूरे कपड़े उतारकर अंदर कहीं कमरे में ले जाया गया और बोला गया मार डालो सालो को अपना पुलिस कुछ नहीं कर पायेगी, पुलिस को 10–20 हजार रूपये खिलाके ज्यादा से ज्यादा 6 माह जेल काटके बाहर आ जायेगा। पर सालो को छोडना नहीं, और बार-बार किसी का नाम लेकर लडको से कहलवाने की कोशिश की जा रही थी कि बोल कि तूझे उनके द्वारा भेजा गया है, पर जब अभिषेक के द्वारा नहीं बोला गया और जब बार-बार निवेदन करते रहे कि हमें छोड़ दो हम तुम्हारे पैर पडते है हम कोई चोर नहीं है, न ही हमारा ऐसा किसी काम से या किसी व्यक्ति से कोई लेना-देना है। जो कि जानवर का काम करता हो। फिर भी बंधवापारा सरकंडा के कुछ लोगों के द्वारा लगातार सुबह 8 बजे से लेकर लगभग 11–12 बजे तक मारपीट जारी रही, और अधमरा कर दिया गया।
उस घटना को देखते हुये किसी राहगीर ने पुलिस को फोन करके सूचना दे दी जिस पर अचानक पुलिस की गाड़ी 112 घटना स्थल पर पहुंच गयी। जब पुलिस पहुंची उस वक्त मेरे बेटे व उसके साथ रहे लड़के को जान से मारने के लिये भीड़ के ही 2–4 लोगों के द्वारा कही अंदर के कमरे में ले जाकर के कपडे उतरवाकर तलवार निकाल कर जान से मारने के लिये हमला करने का पूरा षड़यंत्र किया जा चुका था। पर जैसे ही पुलिस घटना स्थल पर आयी और सूचना किसी के द्वारा अंदर कमरे तक पहुंचायी गयी, तो उन लोगों ने तलवारो को छिपा दिया और पुलिस को यह बोला कि मोहल्ले के लोगों ने इन लडको को चोरी करते पकड़ा है यह लडका जानवर चोरी कर रहे थे। जिस पर हमने इन लड़को को रंगे हाथ पकड़ा। लेकिन पुलिस ने मारपीट करने वालों पर कार्यवाही करने के बजाय मार खाने वाले को ही पकड कर जेल भेज दिया !
अभिषेक ने यह भी बताया था कि पुलिस आने के पहले मारपीट करने वाले लोग 9 लाख रू की डिमांड भी कर रहे थे।
अभिषेक की मां ने एसपी बिलासपुर और आई जी को यह लिखा कि यह पूछना चाहती हूं कि अगर वह कुछ गलत भी करे तो क्या उसके साथ जानवरों की तरह मारने पीटने का अधिकार पुलिस या किसी को है क्या ? मेरा बेटा आसपास की संगत के कारण थोड़ा बहुत नशा जरूर करने लगा था, परंतु आज तक उसके द्वारा चोरी या कोई ऐसा कुछ नहीं किया है। उसको सिर्फ बे-बुनियाद आरोप के आधार पर फर्जी फंसा दिया जाये। में अत्यंत ही गरीब व बेसहारा महसूस कर रही हैं। क्योंकि मेरे परिवार की समस्त जिम्मेदारी अब सिर्फ मुझ पर आ चुकी है। मेरे पति से मुझे कोई सहारा नहीं हैं व अन्य बच्चे इतने समझदार नहीं है कि वो कमा खिला सके।
मां ने पत्र में आग्रह किया है कि समस्त तथ्यों, परिस्थितियों को संज्ञान में लेते हुये मामले की निष्पक्ष जांच कर मेरे बेटे के साथ री तरह जान से मारने के नियत से हमला करने वाले व दोषी पुलिस के लोगों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही किये जाने की कृपा करें।