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गंगासागर तालाब में रौनकता में दाग ! भ्र्ष्टाचार और कमीशनखोरी का आरोप।

एक बोट ने छोड़ा गंगासागर का पानी, पांच महीनें में ही थमने लगी सांसे, होने लगे बीमार…!
गंगासागर तालाब में पांच माह पहले ही उतारे गए थे चार सीटर और दो सीटर बोट
बोट की कीमत और संख्या को लेकर छुपाई जा रही जानकारियां,
भ्र्ष्टाचार और कमीशनखोरी का आरोप।
संबंधित शाखा कह रही लेखापाल के पास बोट की फाइल, लेखापाल फाइल होने से कर रहा इंकार
वार्षिक अनुरक्षण अनुबंध का अता पता नही, मरम्मत संधारण के नाम पर हो सकता है बड़ा खेल…

*हेमंत साहू 

बालोद। शहर के ऐतिहासिक गंगासागर तालाब में रौनकता लाने आज से लगभग 4 माह पहले बोटिंग की सुविधा शुरू की गई थी। सालों इंतजार के बाद गंगासागर तालाब में बोटिंग का आनंद मिलेगा ऐसे बड़े बड़े दावों के बीच जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में पैडल बोट उतारें गयें थे। लेकिन पानी मे उतरने के चार महीनों में ही एक पैडल बोट ने गंगासागर का पानी छोड़ दिया है। खराब हुवा पैडल बोट फिलहाल गंगासागर तालाब की शोभा बिगाड़ रहा है।
ज्ञात हो कि, गत वर्ष दिसंबर माह में टेंडर जारी कर अध्यक्ष निधि से 4.95 लाख रुपये की लागत से गंगासागर तालाब के लिए दो सीटर व चार सीटर एफआरपी पैडल बोट खरीदे गए थे।

जिला योजना समिति के सदस्य और पार्षद नितेश वर्मा ने नगरपालिका द्वारा बोटिंग के लिए खरीदे गए पैडल बोट की गुणवत्ता, कीमत और संख्या पर सवाल खड़ा करते हुए बताया कि, नगरपालिका में खरीदे गये पैडल बोट के संबंध में कोई कुछ बताने को तैयार नही है। पैडल बोट की कीमत और संख्या के बारे में संबंधित शाखा में किसी को कोई जानकारी नही उनका कहना है कि, खरीदे गये पैडल बोट की फाइल लेखापाल के पास है और जब लेखापाल से जानकारी चाही गई तो लेखापाल के द्वारा फाइल उनके पास होने से इंकार कर रहे है।
गंगासागर तालाब के लिये पैडल बोट की खरीदी में संदेह जताते हुए बताया कि, खरीदे गये पैडल बोट के वार्षिक अनुरक्षण अनुबंध का भी अता पता नही है ऐसे में मरम्मत और संधारण के नाम पर बड़ा खेल खेला जा सकता है। फिलहाल तीन बोट चार सीटर और एक बोट दो सीटर ही चलायें जा रहे है और एक बोट खराब पड़ा हुवा है ऐसे में पांच बोट के हिसाब से देखा जाए तो खरीदे गए पैडल बोट की कीमत काफी मंहगी है और इनकी गुणवत्ता भी काफी घटिया है। इसी वजह से पानी में उतरते ही यह खराब होने लगी थीं।
शुरुवाती दिनों में ही बोट के पैडल के पास पानी भरा हुवा होता था। पानी मे उतारने के चंद महीनों में ही एक चार सीटर बोट का खराब होना खरीदे गये पैडल बोट की गुणवत्ता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाता है। सदस्य और पार्षद नितेश वर्मा ने निकाय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि, नगरपालिका में परिषद के सदस्य से जानकारियां छुपाई जा रही है इसका साफ मतलब है कि, नगरपालिका में बड़े पैमाने पर भ्र्ष्टाचार और कमीशनखोरी का खेल खेला जा रहा है।

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