खेत जाने का रास्ता किया बंद, ग्रामीणों का फूटा आक्रोश।
ग्राम खुंदनी में रिटायर्ड प्रधान पाठक के अतिक्रमण पर ग्रामीणों ने तहसीलदार को घेरा, 28 जून को होगा स्थलीय निरीक्षण

गुरुर (बालोद) hct : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम खुंदनी में एक रिटायर्ड प्रधान पाठक द्वारा खेत जाने के मुख्य रास्तों को बाधित किए जाने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। इस समस्या को लेकर महिलाओं, पुरुषों और युवाओं की बड़ी संख्या ने तहसीलदार कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराया।
ग्रामीणों का आरोप है कि पारख सोनभद्र नामक रिटायर्ड शिक्षक ने गांव के दो प्रमुख रास्तों पर निर्माण कर खेतों तक की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी है। इस कदम से कृषि कार्यों, विशेष रूप से धान की बोआई जैसे मौसमी कार्यों में बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की, क्योंकि समय पर बुवाई न होने की स्थिति में फसल पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस मसले को लेकर ग्रामीणों ने संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कंवर थाना में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है, लेकिन जमीन से जुड़े विवाद होने के चलते पुलिस ने कानूनी हस्तक्षेप से इंकार कर दिया।
प्रशासन की मौजूदगी में शांत हुआ मामला
घटना की गंभीरता को देखते हुए गुरुर तहसीलदार हनुमंत श्याम, थाना प्रभारी तिर्की, कवर चौकी प्रभारी लता तिवारी, पुरूर थाना प्रभारी प्रदीप कंवर और सनौद थाना प्रभारी यादव ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया कि 28 जून, शुक्रवार को राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण करेगी और समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
ग्रामीणों ने प्रशासन से उम्मीद जताई है कि न्याय मिलने तक वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाते रहेंगे। इस मामले ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शिक्षित वर्ग द्वारा गांव में ऐसा व्यवहार करना उचित है, जो सामाजिक तानेबाने और किसान हितों को नुकसान पहुंचाता है?

