5.7 करोड़ की ठगी का खुलासा, शातिर ठग दंपति गिरफ्तार।
जशपुर पुलिस ने 150 करोड़ की अंतरराज्यीय ठगी का पर्दाफाश किया, दिल्ली से शातिर दंपति गिरफ्तार

पत्थलगांव (जशपुर) hct : जिले की पुलिस ने एक सनसनीखेज ऑपरेशन में 150 करोड़ रुपये की अंतरराज्यीय ठगी का खुलासा करते हुए दो मुख्य आरोपियों – रत्नाकर उपाध्याय और अनीता उपाध्याय को राजधानी दिल्ली से गिरफ़्तार कर लिया है। यह कार्रवाई एसएसपी शशिमोहन सिंह की सतत मॉनिटरिंग में हुई, जिन्होंने इस पूरे अभियान को बेहद पेशेवर ढंग से संचालित करवाया। आरोपी खुद को सरकारी मंत्रालय से जुड़ा बताकर देश के विभिन्न राज्यों में करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे।
ठगी का जाल और
पत्थलगांव निवासी व्यापारी अमित अग्रवाल ने पत्थलगांव थाने में शिकायत दर्ज की थी कि अनीता उपाध्याय, रत्नाकर उपाध्याय, सौरभ सिंह और प्रांशु अग्रवाल ने मिलकर “राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन” के नाम पर स्वेटर सप्लाई कराने के बहाने 5.70 करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। विवेचना में पता चला कि यह गिरोह पिछले कई वर्षों से सक्रिय था और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित 15 राज्यों में एजेंटों के माध्यम से झूठे CSR ऑर्डर का लालच देकर व्यवसायियों से मोटी रकम ऐंठता था।
पुलिस की रणनीति
मामले की गंभीरता को देखते हुए जशपुर एसपी शशि मोहन सिंह के निर्देश पर एसडीओपी धुर्वेश कुमार जायसवाल के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम दिल्ली भेजी गई। आरोपी इतने शातिर थे कि वे वाई-फाई के जरिए व्हाट्सएप कॉलिंग से बात करते और मोबाइल बंद रखते थे। पुलिस ने अनीता के एक सक्रिय नंबर का पता लगाया और मंत्रालय के अधिकारी बनकर 1000 करोड़ के ऑर्डर का लालच देकर उसे दिल्ली के होटल ताज में मीटिंग के लिए बुलाया। अनीता को विश्वास में लेने के लिए पुलिस ने सादी वर्दी में एक अधिकारी और एक मॉडल को असिस्टेंट बनाकर पेश किया।
रत्नाकर की धरपकड़ में पुलिस की सूझबूझ
अनीता के जरिए रत्नाकर उपाध्याय का गोपनीय नंबर ट्रेस किया गया। रत्नाकर लगातार लोकेशन बदल रहा था, लेकिन पुलिस ने तकनीकी निगरानी और पीछा कर उसे दिल्ली के सागरपुर में एक मेडिकल स्टोर के पास धर दबोचा। गिरफ्तारी के दौरान रत्नाकर ने अपहरण का शोर मचाकर भीड़ जुटाने की कोशिश की और पुलिस पर हमला किया, लेकिन एसडीओपी जायसवाल ने उसे काबू में रखा। अनीता को भी होटल ताज से हिरासत में लिया गया। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर जशपुर लाया गया।
फर्जी मिशन का काला सच
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन 2021 में लखनऊ में गरीब बच्चों को शिक्षा और सामग्री देने के नाम पर रजिस्टर्ड हुआ था। अनीता और रत्नाकर ने वेंडरों से 25 लाख सिक्योरिटी मनी, 50 हजार प्रोसेसिंग फीस और 10-15 लाख नकद वसूलकर ठगी की। संस्था को दो साल में CSR फंड से 140 करोड़ मिले, लेकिन दावा 600 करोड़ के टर्नओवर का किया गया।
रत्नाकर ने 2023 में डायरेक्टर पद से इस्तीफा देकर अनीता को आगे किया, लेकिन पर्दे के पीछे वही संचालन करता था। दोनों मिलकर शिकायतों पर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर वेंडरों को गुमराह करते थे। पुलिस को पता चला कि आरोपियों के पास लखनऊ और दिल्ली में 40 करोड़ के 26 फ्लैट और 8 करोड़ की रेंज रोवर गाड़ी है।
आगे की कार्रवाई
दो अन्य आरोपी, सौरभ सिंह और प्रांशु अग्रवाल, फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस आरोपियों की संपत्तियों की जांच कर रही है और वैधानिक कार्रवाई की तैयारी में है। इस मामले में 12 से अधिक प्रकरण विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं। इस शानदार कामयाबी पर रेंज आईजी दीपक झा ने पूरी पुलिस टीम को नगद पुरस्कार की घोषणा की है। एसएसपी शशिमोहन सिंह द्वारा संचालित यह ऑपरेशन राज्य की अपराध जांच पद्धति में एक नया मानदंड स्थापित करता है। जशपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बड़े ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी मिशन के नाम पर देशभर में करोड़ों की ठगी कर रहा था। यह पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी दक्षता का उदाहरण है।
