अयोध्या कैंटोनमेंट बोर्ड का कर्मचारी घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
सीबीआई की टीम ने कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
अयोध्या। अयोध्या में सीबीआई ने मंगलवार को कैंटबोर्ड के कर्मचारी विजय कुमार को अनुमति पत्र बनाने के बदले घूस लेते रंगे हाथों दबोचा था। विजय मेट के पद पर नियुक्त है। सीबीआई छापेमारी बुधवार को भी जारी है। सीबीआई की टीम कैंटोनमेंट बोर्ड के जेई अमित के घर पर मौजूद है। जेई के आवास पर कागजात खंगाले जा रहे हैं।
सीबीआई रेड के दौरान स्थानीय लोगों ने पूर्व सीईओ यशपाल सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि कैंटोनमेंट बोर्ड में रह रहे लोगों के जर्जर मकान को मरम्मत करने के लिए सीईओ यशपाल सिंह ने दो-दो लाख रुपये मांगे थे। जिन लोगों ने रुपये दिए उनके मकान बन रहे, जिन्होंने नहीं दिए उनके मकान पर ताला लग गया।
मैनपुरी के ठेकेदार से मांगी थी 15 हजार रुपये की घूस
मैनपुरी के एक ठेकेदार ने 1.35 लाख रुपये की लकड़ी खरीदी थी। इसके लिए कैंटबोर्ड से अनुमति पत्र की आवश्यकता थी। इस अभिलेख को बनाने के लिए विजय ने 15 हजार रुपये की घूस मांगी थी। बात में बात 10 हजार पर तय हुई, लेकिन ठेकेदार ने कर्मचारी के विरुद्ध सीबीआई से शिकायत कर दी।
CBI ने कर्मचारी को रंगे हाथों दबोचा
सीबीआई की टीम मंगलवार को अयोध्या पहुंची और कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी सीबीआई के कैंटबोर्ड ऑफिस में कार्रवाई की पुष्टि की है। बता दें, पिछले महीने सीबीआई ने यहां छापेमारी की थी। कैंटबोर्ड ऑफिस में टेंडर को लेकर हुई अनियमितता का वह मामला था, जिसकी जांच अभी भी सीबीआई कर रही है।
कूटरचना कर फर्जी बैनामा कराने के आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
संवाद सूत्र, अयोध्या। भूमि मालिक को राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित भूमि के कुछ हिस्से का गिरवीनामा कराने के नाम पर धोखाधड़ी से कूटरचित आधारों पर पूरी जमीन का फर्जी बैनामा करा लेने के आरोप में आरोपित प्रिंस गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी गई है। यह आदेश प्रभारी जिला जज अशोक कुमार दुबे की अदालत ने दिया है।
मामले में वादी तिलकराम के अधिवक्ता कृष्ण कुमार पटेल के अनुसार घटना चार माह पूर्व 22 जून की सोहावल तहसील की है। वादी के गांव के ही अभय यादव ने फैक्ट्री के लिए भूमि तलाश रहे कमल आकाश व प्रिंस गुप्ता से मुलाकात करा कर साढ़े तीन लाख रुपये में दो बिस्वा जमीन गिरवी में देने काे कहा। वादी को रुपयों की जरूरत होने के कारण उसने आग्रह स्वीकार कर लिया।
आरोप है कि घटना के दिन आरोपित प्रिंस ने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर दो बिस्वा जमीन के गिरवीनामा कराने की जगह पर पूरी भूमि का बैनामा करा लिया और पीड़ित तिलकराम काे दो चेक भी दिए, जो बाद में खाते में नगद पैसा जमा करा देने का आश्वासन देते हुए वापस ले लिए। धोखाधड़ी की जानकारी होने पर पीड़ित ने आरोपितों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई।
मामले में बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि वादी को पूरा पैसा देकर भूमि का बैनामा अपने भाई आकाश के पक्ष में किया था। वादी ने झूठे आधारों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है।न्यायालय ने आरोपित के तर्क से असहमत हो कर व गिरफ्तारी होने का पर्याप्त कारण न बता पाने के कारण जमानत याचिका निरस्त कर दी है।