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ChhattisgarhHarassment

छगपु का कारनामा। जाम में फंसे एम्बुलेंस का फेसबुक से लाइव करने पर हथकड़ी पहनाकर पेश !

रायपुर। जंजीरों में जकड़ा यह शख्स (संंजीव साहू) कोई चोरी, डकैती, लूट या गुंडागर्दी के आरोप में जेल नही जा रहा है; बल्कि इनका गुनाह सिर्फ इतना था कि इन्होंने मानवता के नाते जयस्तंभ चौक में हों रहे एक कार्यक्रम के चलते जाम में फंसे तीन एम्बुलेंस और लोगो की तकलीफों को फेसबुक लाइव के माध्यम से सबके सामने रखा था।
संंजीव साहू
इस बात से नाराज एक समुदाय विशेष के लोगो ने इसके खिलाफ थाने में शिकायत कर दी और आम जनता के लिए सोई रहने वाली पुलिस तत्काल मामले में एक्शन लेते हुए युवक को हिरासत में ले लेती है। इस बीच पुलिस यह छानबीन करना भी जरूरी नही समझती है कि युवक की आखिर गलती क्या है ?
एक तरफ आम जनता जब शिकायत करती है तो यही पुलिस आवेदन लेकर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन देकर चलता कर देती है और जब कुछ खास लोग एक शिकायत मात्र देते है तो यही पुलिस आम लोगो पर तुरंत एक्शन लेती नजर आती है।
यह कोई पहला मामला नही है जब पुलिस ने किसी छत्तीसगढ़िया को बेवजह के मामले में जेल भेज दिया हो इससे पहले भी कोरबा,रायगढ़ और रायपुर के आम लोगो को सिर्फ छत्तीसगढ़ के हित में आवाज उठाने पर पक्षपात पूर्ण करवाई के चलते भी बड़े-बड़े धारा लगा कर जेल भेजा जा चुका है।
प्रदेश में जिस तरह से बाहर से आये लोगो का व्यापार, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में कब्जा है, अगर कोई सर्वे हो जाये तो नतीजे जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। पूरे प्रदेश में बाहर से आये लोगो ने कब्जा जमाया हुआ है और प्रदेश को लूटने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।
अगर ऐसे ही आम छत्तीसगढ़ियों को निशाना बना कर जेल के सलाखों के पीछे डाला जाता रहा तो वह दिन दूर नही जब छत्तीसगढ़ में भी महाराष्ट्र की तरह बाहरियों की सरेआम पिटाई और राज्य से खदेड़ने पर लोगो को मजबूर होना पड़ेगा, इसलिए अब भी वक्त है सुधर जाइये और शांत पड़े सीधे साधे छत्तीसगढ़ियों को यूं बार बार सताना और जेल में डालना बन्द कीजिये अन्यथा वो भी दिन देखने को मिल सकता है जब पूरे छत्तीसगढ़ के युवा जेल भरो आंदोलन को बाध्य हो जाये और आपके जेल भी कम पड़ जाए।

*अभिषेक कुमार के फेसबुक वॉल से साभार।

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