Crime
अनुपस्थिति में लिया प्रभारी सीएमओ का प्रभार राजस्व निरीक्षक निलंबित,आपराधिक कृत्य उजागर, शासन भी सख्त
शासन भ्रष्टाचार,कार्यो में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। रायगढ़ जिले का घरघोड़ा नगर पंचायत इसकी पराकाष्ठा को पार कर दिया है, यह कहना गलत नही होगा, आलम यह है कि पांच माह में सीएमओ, तीन इंजीनियर,बाबू समेत छह कर्मचारियों को निलंबित कर दिया हैं। इसमें कार्यालय लिपिक भी इसी क्रम में शामिल हो गए।
HIGHLIGHTS
- रायगढ़ जिले का घरघोड़ा नगर पंचायत अपने कारनामे को लेकर प्रदेश में चर्चित।
- पांच माह में सीएमओ, तीन इंजीनियर,बाबू समेत छह कर्मचारियों को निलंबित।
- पंचायत में नगर सरकार और प्रशासनिक तंत्र निरंकुश होकर काम कर रहे हैं।
रायगढ़। पंचायत घरघोड़ा में अजब गजब कारनामा बीते डेढ़ से दो साल से अनवरत देखने को मिल रहा है। निलंबन की वजह अवकाश के दिन कार्यभार लेना तथा उसी दिन परिषद की बैठक आयोजित तथा कुटचरित कर शासन को गुमराह किए जाना है। इसके अलावा आपराधिक कदम बढ़ाते हुए फर्जी हस्ताक्षर हैं।घरघोडा नगर पंचायत में नगर सरकार और प्रशासनिक तंत्र निरंकुश होकर काम कर रहे हैं। जिसका प्रमाण भ्रष्टाचार समेत कार्यो की जा रही लगातार लापरवाही के बाद शासन स्तर से होने वाली कार्रवाई से स्पष्ट हो रही है।
इस बीच बीते 11 मार्च को नपं में परिषद की बैठक आयोजित थी उक्त बैठक हेतु 04-03-2024 को पत्र क्रमांक 2193 से पार्षदों को 11-03-24 की बैठक हेतु सूचना जारी होती है, लेकिन जावक पंजी क्रमांक 2193 का अवलोकन में उक्त क्रमांक में कार्यपालन अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को अंतिम देयक हेतु पत्र जारी होना अंकित होता है। इसी अवधि पर तत्कालीन सीएमओ सुमीत मेहता का रामानुजगंज तबादला हो जाता है। उन्होंने वरिष्ठता के आधार पर सहायक राजस्व निरीक्षक शंभुदयाल पटनायक को चालू प्रभार दे देते है। चूंकि श्री पटनायक उस तारीख पर एक दिवसीय अवकाश आवेदन देते है।
यानी उस दिन वह कार्यलय में अनुपस्थित रहते है। यही नहीं 11 मार्च को ही अनुपस्थिति के दौरान प्रभारी सीएमओ नपं परिषद की बैठक में उपस्थित बताये जाते हैं।इस तरह घालमेल नगरीय प्रशासन मंत्रालय की शिकायत जांच पर स्पष्ट हो गई। जिस पर शासन ने कार्रवाई करते हुए सहायक राजस्व निरीक्षक को नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक ने निलंबित किया है। इस निलंबन ने कई ज्वंलत सवालों को खड़ा कर दिया।जिसने पूरे नगरीय प्रशासन को अचंभे में डाल दिया है। दरअसल राजस्व निरीक्षक ने अपनी अनुपस्थिति में ही प्रभारी सीएमओ का कार्यभार ले लिए।
इससे भी बढ़कर नगर पंचायत के परिषद की सामान्य सभा की बैठक में भी शामिल हो गये। इस तरह फर्जीवाड़े से नगर पंचायत के राजनीतिक गलियारों में जनप्रतिनिधियों में चर्चा का विषय बन चुका है। जबकि विभागीय दस्तावेजों में फर्जीवाड़े किया जाना आपराधिक प्रकरण की दिशा में हैं। फिलहाल नगरीय प्रशासन द्वारा राजस्व निरीक्षक के निलंबन कर कड़ा संदेश एक बार फिर से दी हैं।
अनुपस्थिति के दिन हो गई हस्ताक्षर, अब भाजपा पार्षद करेंगे एफआईआर
गैरजरुरी सामग्री क्रय तो कभी नगर पंचायत सीमा से बाहर कालेज का नामकरण का आरोप लगा रहा है। इन सभी के इतर 11 मार्च 24 की बैठक में पूर्व अध्यक्ष विजय वर्तमान भाजपा पार्षद शिशु सिन्हा अनुपस्थित निजी कार्यों के चलते रहते है। उनका कहना है कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत उनका हस्ताक्षर फर्जी तरीके से कर दिया गया। हस्ताक्षर परिषद के बैठक सरकारी मिनिट बुक में दर्ज हो गई। इससे आहत पार्षद अब पुलिस तथा शासन स्तर में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है। एवं जल्द ही प्राथमिकी के लिए शिकायत भी देंगे।
दस्तावेजों में प्रभारी सीएमओ अवकाश पर, और इधर ले लिए बैठक
जिस तरह यह प्रकरण सामने आया है यह स्वयं में कुटचरित को उजागर कर रहा है। अवकाश में कार्यभार से लेकर परिषद की बैठक भी ली जाती है। सदस्य के फर्जी हस्ताक्षर होने का आरोप भी इस तरह अब यह भी देखना लाजमी होगा कि उक्त बैठक में किस तरह का निर्णय पारित की गई है। आनन- फानन आयोजित या कहे सुनियोजित बैठक बड़े भ्रष्टाचार तथा अन्य कारगुजारियों को पारित कराने की दिशा की ओर घूम रही है। दूसरी ओर अदृश्य दबाव को भी बयां कर रहा है।
ऐसे समझें
नगर पंचायत घालमेल प्रकरण कोसर्व प्रथम तत्कालीन सीएमओ सुमीत मेहता का स्थानांतरण प्रभारी नगर पालिका अधिकारी रमानुगंज होता है वे 11-03-24 को कार्यमुक्त होते है। तभी शम्भू पटनायक सहायक राजस्व निरीक्षक को चालू प्रभार भी दे देते है। परिषद की बैठक दिनांक 11-03-2024 को रखने हेतु पत्र क्रमांक 2193 दिनांक 04-03-2024 को जारी किया गया। उक्त बैठक पंजी में क्रमांक- 14 में विजय शिशु सिन्हा उपस्थित नही थे उनके नाम के आगे हस्ताक्षर है।
बैठक पश्चात मुख्य नगर पालिका अधिकारी व अध्यक्ष दोनो का हस्ताक्षर होता है,परंतु सिर्फ अध्यक्ष का है। परिषद की बैठक हेतु 11-03-24 को जारी पत्र क्रमांक 2193 अंकित है, परंतु जावक पंजी में उक्त क्रमांक 2193 दिनांक 06-03-24 कार्यपालन अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग बिलासपुर को अंतिम देयक हेतु अंकित है। आवक पंजी के क्रमांक 1032 दिनांक 11-03-2024 को शम्भू पटनायक द्वारा एक दिवस का आकस्मिक अवकाश के सम्बंध में अंकित है। जबकि उसी दिन वे अवकाश में थे।