बड्स एक्ट लागू करने की मांग को लेकर निवेशकों ने घेरा एसडीएम कार्यालय
इधर चिटफंड में डूबे राशि वापसी और बड्स एक्ट 2019 लागू करने की मांग को लेकर विभिन्न् चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशक जिला मुख्यालय जांजगीर के हाकी मैदान के पास पिछले 20 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। आंदोलन के आज 20 वें दिन शुक्रवार को रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी मांग को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।

HIGHLIGHTS
- 76 हजार 215 निवेशकों ने 223 चिटफंड कंपनियों में किया है निवेश
- दो अरब 17 करोड़ 40 लाख 70027 रूपये चिटफंड कंपनी में फंसे
जांजगीर- चांपा : जिले के 76 हजार 215 निवेशकों ने 223 चिटफंड कंपनियों में 2 अरब 17 करोड़ 40 लाख 70027 रूपये निवेश किया है। इनमें से मात्र एक कंपनी की संपत्ति निलाम कर निवेशकों को 45 लाख रूपए ही लौटाया गया है। जबकि अन्य निवेशकों को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है।
प्रदेश में बड्स एक्ट 2019 लागू करने की मांग को लेकर चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशक जिला मुख्यालय जांजगीर के हाकी मैदान के पास पिछले 20 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। आंदोलन के आज 20 वें दिन निवेशकों ने ठगी पीड़ित जमाकर्ता इकाई छग के बैनर तले रैली निकालकर कलेक्टर के नाम एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।
चिटफंड कंपनियों ने जिलेवासियों को खूब लूटा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 76215 निवेशकों से 223 चिटफंड कंपनियों ने 2 अरब 17 करोड़ 40 लाख 70027 रूपये निवेश किया था और ये राशि डूब गई। ज्यादातर चिटफंड कंपनियों के कार्यालय बंद हो गए मगर निवेशकों को उनकी राशि नहीं मिली। उनके द्वारा थाने से लेकर न्यायालय तक का चक्कर भी लगाया गया।
लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। वर्ष 2018 में जब कांग्रेस सरकार बनी तो सरकार ने चिटफंड कंपनियों में डूबे रकम को वापस दिलाने के लिए आवेदन मंगाया। एक जनवरी 2019 से 15 फरवरी 2023 तक पीड़ितों ने आवेदन जमा किया। तहसील कार्यालयों में निवेशकों की भीड़ लगी और देखते ही देखते 76215 निवेशकों ने आवेदन दिया।
मगर राशि लौटाने के नाम पर सिर्फ विनायक होम्स रियल स्टेट लिमिटेड की 45 लाख की संपत्ति 16 अप्रैल 2023 को नीलाम की गई और उसके निवेशकों को यह राशि लौटाई गई। महज एक मात्र कंपनी की संपत्ति नीलाम हुई जबकि 222 कंपनियों की संपत्ति की नीलामी नहीं हुई है।
ज्यादातर कंपनियों की संपत्ति इस जिले में है ही नहीं यह जिला तो दूर इस प्रदेश में भी बहुतायत चिटफंड कंपनियों की संपत्ति नहीं है। ऐसे में सरकार कार्रवाई करे भी तो किस पर करे। इसके कारण चिटफंड में डूबी राशि की वसूली कठिन काम है। रैली में परिवार के साथ बड़ी संख्या में महिला पुरूष निवेशक शामिल थे।
जेल भरो आंदोलन कल
ठगी पीड़ित जमाकर्ता इकाई छग के सलाहकार अधिवक्ता शिवनारायण कर्ष ने बताया कि धरना प्रदर्शन के बाद रविवार 22 सितंबर को जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। इस आंदोलन में जांजगीर चांपा जिले के अलावा सक्ती, बलौदाबाजार और बिलासपुर जिले के पीड़ित निवेशक लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
भाजपा के घोषणा पत्र में भी रकम वापसी का वादा
भाजपा के घोषणा पत्र में भी यह उल्लेख किया गया है कि प्रदेशवासियों की जाली चिटफंड में फंसी राशि की पांच सालों के अंदर वापसी सुनिश्चित करेंगे। इसको लेकर निवेशकों की उम्मीद फिर एक बार जगी है। निवेशक और चिटफंड कंपनी के एजेंटों ने पहले से ही संगठन बना लिया है और वे भी राशि वापसी के लिए धरना प्रदर्शन कर मांग करते रहते हैं। कांग्रेस के शासन काल में राशि वापसी की शुरूवात तो हुई मगर यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
एजेंटों ने अपनों को ठगा
जब जिले में चिटफंड कंपनियां संचालित हो रही थी । उस समय एजेंट टाई कोट पहनकर गांव-गांव घूमते थे और लोगों को 2 से 3 साल में राशि दोगुना करने का झांसा देकर लोगों को ठगा। ठगी के जो शिकार हुए उनमें से ज्यादातर एजेंटों के करीबी रिश्तेदार, मित्र और जान- पहचान के लोग ही थे। एजेंटों को राशि जमा कराने पर सीधा 25 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। एजेंट यह राशि चिटफंड कंपनियों में जमा करने से पहले अपना कमीशन काट लेते थे। चिटफंड कंपनियों के काले कारोबार में एजेंट भी लाल हो गए मगर निवेशक कही के नहीं रहे।