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दमोह जिला पंचायत में चल रही थी मंत्री की मीटिंग, इधर ऑडिटर रिश्‍वत लेते पकड़ा गया

लोकायुक्त सागर की कार्यवाहक डीएसपी मंजू सिंह ने बताया कि मनोज पटेल द्वारा की गई शिकायत पर पहले पुष्टि किए जाने के बाद गुरुवार को लोकायुक्त की टीम ने 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हरचरण वर्मा उर्फ सेन को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

HIGHLIGHTS

  1. दमोह में मंत्री, सांसद, विधायक ले रहे थे समीक्षा बैठक।
  2. लोकायुक्त ने ऑडिटर को 4 हजार रुपए लेते धर लिया।
  3. कलेक्‍टोरेट के जिला पंचायत में लोकायुक्त की कार्यवाही

 दमोह। जहां एक ओर मध्य प्रदेश शासन के दो मंत्री,सांसद, विधायक और आयोग के अध्यक्ष सहित जिला पंचायत के अध्यक्ष व अन्य जनप्रतिनिधि और जिले के सभी अधिकारी विकास कार्यों सहित शासन की अन्य योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे,तो वही कलेक्ट्रेट कार्यालय से लगे हुए जिला पंचायत कार्यालय में लोकायुक्त सागर द्वारा जिला ऑडिट ऑफिस को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत का सामाजिक अंकेक्षण किया जाता है। इसके लिए बाकायदा पंचायत में बीएससी पहुंचकर पंचायत का सामाजिक अंकेक्षण कर अपनी रिपोर्ट जिला समन्वयक सामाजिक अंकेक्षण जिला पंचायत को देता है।

इस रिपोर्ट को देने के लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक पंचायत के 2 हजार रुपये के मान से राशि की मांग की जा रही थी। इसी कारण बीएसए मनोज पुत्र नारायण पटेल निवासी अभाना द्वारा पंचायत के किए गए अंकेक्षण के एवज में जिला समन्वयक हरचरण वर्मा उर्फ हर चरण सेन को जिला पंचायत कार्यालय में ही गुरुवार की दोपहर 4 हजार रुपए की रिश्वत दी गई। जिस पर लोकायुक्त में की गई शिकायत के आधार पर लोकायुक्त की टीम ने तत्काल ही रंगे हाथों उसे पकड़ लिया।

फरियादी ने यह बताया

इस संबंध में पीड़ित बी ए सी मनोज पटेल ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा पैसे ना देने पर रिपोर्ट वापस कर दी जाती थी या रिपोर्ट जमा करके रिपोर्ट के संबंध में नोटिस जारी किए जाते थे क्योंकि हम लोगों के पास रिपोर्ट देने की पावती नहीं होती थी जिस कारण से जिलाधिकारी अपनी मनमानी कर रहे थे। इसी बात से पीड़ित होकर उन्होंने इस बात की शिकायत लोकायुक्त सागर में की थी।

वहीं आरोपी हर चरण वर्मा उर्फ हरचरण सेन का कहना है कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कोई राशि की मांग नहीं की गई। वह हमेशा ही हमसे कभी 1000 कभी 2000 रुपये उधार मांग कर ले जाता था तो मैं समझा की उधारी के पैसे वापस कर रहा है। इस कारण से मैंने यह राशि ले ली। मेरे द्वारा किसी भी प्रकार की रिश्वत की मांग नहीं की गई। इस संपूर्ण कार्यवाही में प्रधान आरक्षक महेश हजारी, आरक्षक विक्रम सिह, सुरेंद्र सिंह, आशुतोष व्यास,अरविंद नायक आदि की भूमिका रही।

कलेक्‍टोरेट में चल रही थी बैठक

जब जिला पंचायत दमोह में लोकायुक्त द्वारा रिश्वत पकड़ने की कार्यवाही की जा रही थी। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में मध्य प्रदेश शासन के राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार लखन पटेल, सांसद राहुल सिह लोधी, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमरिया, पूर्व मंत्री एवं विधायक जयंत कुमार मलैया, विधायक उमा देवी खटीक, जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता पटेल सहित कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर और जिला पंचायत सीईओ रीजनल इंडस्ट्री एंक्लेव 2024, खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि के व्यय, राजस्व शिविरों के आयोजन, रोजगार मेला के आयोजन, स्वच्छता संबंधी,अतिवृष्टि से हुए नुकसान के सर्वे, राहत वितरण, खाद बीज आदान-प्रदान, निराश्रित गोवंश के संबंध में कार्यवाही, प्रधानमंत्री आवास योजना, बिजली,सड़क परियोजना, जल जीवन मिशन सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा, आयुष्मान कार्ड निर्माण की प्रगति सहित मॉडल आंगनबाड़ियों के निर्माण के संबंध में विचार विमर्श कर रहे थे। दूसरी ओर जिला पंचायत में पंचायत के आडिट करने वाले अधिकारी को लोकायुक्त ने ट्रैप करते हुए रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।

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