Ganeshotsav के भंडारे में घूरने पर विवाद, 12वीं के छात्र पर टूट पड़े 8 लोग, चाकू मारकर हत्या
Indore Crime: घटनाक्रम मध्य प्रदेश के इंदौर का है। पकड़े गए सभी आरोपित नशे के आदी हैं। हत्या में शामिल एक आरोपी की पहचान युवराज यादव के रूप में हुई है। उसने फरवरी में अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में हनुमान अष्टमी पर निकली प्रभातफेरी में भी हत्या की थी, लेकिन उस समय नाबालिग होने के कारण कोर्ट ने छोड़ दिया था।
HIGHLIGHTS
- हीरानगर थाना क्षेत्र के गौरीनगर की घटना
- कुछ दिन पहले जेल से छूटा था एक आरोपी
- बीते दिनों प्रभातफेरी में हुई हत्या में था शामिल
इंदौर। इंदौर के हीरानगर थाना क्षेत्र के गौरीनगर में भंडारे में घूरने की बात पर दो पक्षों में विवाद हो गया। इस दौरान आठ बदमाशों ने 12वीं के छात्र अभिजीत यादव पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी। वहीं एक अन्य साथी को घायल कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, रविवार रात 11 बजे गणेशोत्सव के तहत गौरी नगर में भंडारा चल रहा था। यहां 20 वर्षीय अभिजीत पुत्र यशपाल यादव, निवासी आदिनाथ नगर और दोस्त सौरभ पिता राकेश अहीरवाल पहुंचे थे। खाना खाने के दौरान सामने की पंक्ति में बैठे एक युवक ने अभिजीत से कहा कि घूर क्यों रहा है।
इस बात को लेकर विवाद हो गया। लोगों ने समझाइश देकर उस समय तो दोनों को अलग-अलग कर दिया। कुछ देर बाद तीन दोपहिया वाहन से छह युवक आए और दो वहां पहले से मौजूद थे। सभी ने अभिजीत और सौरभ को घेरकर चाकू से हमला कर दिया।
अभिजीत के सीने में चाकू लगा, जिसे लोग तुरंत एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं गंभीर घायल सौरभ का इलाज चल रहा है।
7 साल से मामा के घर रह रहा था अभिजीत
7 साल से इंदौर में अपने मामा के साथ रह रहा था। उसके पिता अशोक नगर गुना में किसान हैं और उन्होंने पढ़ाई के लिए यहां भेजा था।
पुलिस ने आरोपित अमित अहीरवाल, मनीष यादव, युवराज यादव, अंकित पुत्र अनिल, सचिन पुत्र बाबूलाल वर्मा, नीरज पुत्र तुलसीराम, निखिल पुत्र हरीप्रसाद और अक्षय पुत्र विजय वर्मा सभी निवासी भागीरथपुरा को गिरफ्तार कर लिया।
प्रभातफेरी में हत्या करने वाला आरोपित भी शामिल
बताया जा रहा है कि इनका पूर्व में भी विवाद हो चुका है। हत्या में शामिल एक आरोपित युवराज यादव ने फरवरी में अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में हनुमान अष्टमी पर निकली प्रभातफेरी में शुभम रघुवंशी की साथियों के साथ मिलकर हत्या की थी। उस समय वह नाबालिग था, इसलिए कोर्ट ने कुछ दिन बाद जेल से रिहा कर दिया था।