बहुचर्चित सरपंच हत्याकांड के सात आरोपितों को आजीवन कारावास
मामले की सुनवाई कर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधी ने आरोपित रामकिसन उर्फ बोर्रा, अमृत, पलटन, लक्ष्मी प्रसाद, संजय, छतराम को भादवि की धारा 147, 149 के अपराध के लिए एक वर्ष के सश्रम कारावास और 500 रुपए के जुर्माना से तथा धारा 148 , 149 अपराध के लिए 2 वर्ष और 1000 जुर्माना तथा धारा 302 , 149 के अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया।
HIGHLIGHTS
- द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश का आदेश
- डायल 112 ने बीच बचाव की कोशिश की
- सरपंच पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया
सक्ती : ग्राम पंचायत भूतहा के सरपंच की हत्या करने वाले सात आरोपितों को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश बीआर साहू ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साढ़े तीन-तीन हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन के अनुसार 13 दिसंबर 2021 को नरेश सिंह सिदार ने मालखरौदा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी भगवती राज वार्ड क्रमांक 9 की पंच है। ग्राम छोटे रबेली के शासकीय भूमि लगभग 52 एकड़ पर गांव के कुछ लोग अतिक्रमण कर धान की फसल लगाएं हैं जिस पर ग्राम पंचायत भूतहा के सरपंच द्वारिका प्रसाद चंद्रा द्वारा तहसील कार्यालय में आवेदन देकर उसकी शिकायत की और पंचायत में प्रस्ताव पारित किया कि अवैध रूप से लगाए गए धान की फसल को जब्त किया जाए ।
13 दिसंबर 2021 को कार्रवाई के लिए तिथि निर्धारित की गई मगर 12 दिसंबर को सुबह 9:30 बजे बेजाकब्जाधारी फसल काटने पहुंच गए । जब वे फसल काटने लगे तब इसकी सूचना तहसीलदार मालखरौदा को दी गई। तहसीलदार ने डायल 112 कर पुलिस को बुलाने को कहा गया था तब सरपंच द्वारिका प्रसाद चंद्रा ने काल कर पुलिस को बुलाया और गांव के पंच श्याम कुमार सोनी, कोटवार घासीराम को फोन कर क्रिकेट मैदान पहुंचने के लिए कहा।
जब डायल 112 की टीम उसके गांव के क्रिकेट मैदान के पास रोड में पहुंची तब अतिक्रमणकारी छतराम काटले, अमृत मधुकर, बोर्रा उर्फ रामकिशन मधुकर, लोकनाथ काटले, सोनू, अमृत मधुकर का पुत्र संजय, फूलचंद मधुकर, पलटन एवं अन्य वहां पर उपस्थित थे, कुछ समय बाद सरपंच द्वारिका प्रसाद, कोटवार घासीराम, विक्रम प्रताप मरावी, श्याम कुमार सोनी वहां पहुंचे। तब डायल 112 वाले जाकर पूछताछ करने लगे।
सरपंच तहसीलदार द्वारा जारी सुपुर्द नामा आदेश की प्रति को दिखा रहे थे तभी अचानक एक राय होकर लाठी, राड से बोर्रा , उसका लड़का सोनू ,अमृत मधुकर, छत राम, लोकनाथ, संजय, पलटन, गणेशाराम, गंगाराम, बुडगा, फूलचंद ने सरपंच पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
डायल 112 की टीम ने बीच बचाव की कोशिश की मगर उन्हें भी जान से मारने की बात कही गई तोवे लोग कुछ दूर चले गए। सरपंच पर हमले के बाद वह गिर गया और उसके शरीर पर गंभीर चोटें आई। उसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा में भर्ती कराया गया।
जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सिम्स बिलासपुर रेफर किया गया। रास्ते में ग्राम सकर्रा के पास उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपितों के विरूद्ध हत्या व बलवा सहित अन्य अपराध दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार किया। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे एवं दुर्गा प्रसाद साहू ने पैरवी की ।