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Chhattisgarh

राशि पावर प्लांट के खिलाफ बिलासपुर के पाराघाट में प्रदर्शन।

महिला ने मालिक की गाड़ी के सामने लेटकर नौकरी की उठाई मांग, देखिए वीडियो ...

मस्तूरी hct : बिलासपुर के मस्तूरी तहसील क्षेत्रान्तर्गत पाराघाट स्थित राशि पावर प्लांट के खिलाफ विगत दो दिनों से चल रहे प्रदर्शन अपने शबाब पर है। राशि पावर प्लांट के खिलाफ घेराव कर रहे स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी ने जमीन खरीदते समय परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का वादा किया था। वहीं, कंपनी ने कहा कि जिनकी जमीन नहीं है वो नौकरी की मांग कर दबाव बना रहे हैं।

मामला दरअसल तब तूल पकड़ा जब कंपनी प्रबंधन द्वारा विगत डेढ़ वर्ष पहले फिर से जमीन खरीदी, उस वक्त जमीन मालिकों के साथ उनकी बैठक भी हुई थी, उक्त बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था कि जिन लोगों की जमीन ली जा रही है उनके परिवार के एक सदस्य को योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाएगी। किन्तु इस बात को डेढ़ साल से अधिक हो चुका है और कम्पनी अब इस बात से पीछे हट रहा है।

प्रबंधन; नौकरी दे या फिर हमारी जमीन वापस कर दे

कंपनी के इस बेरुखी से ग्रामीणों में आक्रोश घर कर गया है उनका कहना हैं कि प्लांट के मालिकों ने उन्हें विश्वास दिलाया था कि उनकी जमीनें उचित मूल्य पर खरीदी जाएंगी और उनके परिवार के सदस्य प्लांट में नौकरी पा सकेंगे। इसके बावजूद अब तक कई किसान परिवारों के सदस्य रोजगार से वंचित हैं। प्लांट को जमीन देने वाले किसान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और अब उनके पास मरने की सिवाय कोई रास्ता नहीं, अब वे इस बात की मांग कर रहे हैं कि या तो प्रबंधन अपने कहे मुताबिक परिवार के सदस्यों को नौकरी दे या फिर हमारी जमीन वापस कर दे।

रकम वापस करने पर जमीन देने की बात

इधर प्रबंधन का कहना हैं कि प्लांट के लिए हमने 11 वर्ष पहले जमीन खरीदी थी उस वक्त जिन किसानों की जमीन ख़रीदा था तब उन किसानो के परिवार से एक सदस्य को नौकरी दी थी लेकिन जिनकी जमीन नहीं है वो लोग भी नौकरी के लिए दबाव बना रहे हैं। अब हम किसी को भी नौकरी दे पाने में असमर्थ हैं। प्लांट प्रबंधन ने नौकरी देने से साफ मना कर दिया और सात दिन के अंदर रकम वापस करने पर जमीन देने की बात कही गई। किसानों ने इस निर्णय को स्वीकार करते हुए प्लांट प्रबंधन से कहा कि जितने दिनों से जमीन बेचे थे उतने दिनों का हर्जाना प्रबंधन को देना होगा तो वे राशि वापिस करने को तैयार हैं लेकिन इसके साथ-साथ उस जमीन का मलबा हटाकर कृषि उपजाऊ जमीन बनाकर देना होगा।

नौकरी दो नहीं तो गाड़ी चढ़ा दो


प्रभावित परिवारों ने राशि स्टील एंड पावर प्लांट प्रबंधन के अधिकारियों से एक बार फिर गुहार लगाई और नौकरी की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, उल्टे उन्हें गेट से भगा दिया गया। जिस समय जब कंपनी के संचालक रोहित अग्रवाल अपनी कार से निकल रहे थे तभी एक महिला उनकी गाड़ी के सामने लेट गई और प्लांट प्रबंधन के मालिकों की गाड़ी ऊपर से चढ़ा कर जाने मांग करने लगी, जिससे हड़कंप मच गया जिसकी वजह से उन्हें अपनी गाड़ी पीछे करना पड़ा और प्लांट प्रबंधन द्वारा पुलिस को बुलाकर घटना की जानकारी दी, जिस पर पुलिस ने भी उन्हें समझाइश देकर शांतिपूर्वक अपनी मांग रखने कहा।

उग्र आन्दोलन का संकेत

पीड़िता – शिव कुमारी सोनी पति स्व. गोकुल सोनी निवासी पराघाट का कहना है की 11 वर्ष पहले उसके बड़े लड़के को नौकरी दिया गया था, लेकीन जब प्लांट द्वारा दूसरी बार जमीन खरीदी तो प्लांट मालकिन ने 3 माह के अंदर नौकरी देने की बात कही गई थी लेकीन अब तक 16 माह बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई नौकरी नहीं दिया गया है। प्रभावित ग्रामीणों का कहना है की अगर प्लांट द्वारा 7 दिन के अंदर जमीन वापिस नही किया तो धरने पर बैठ जाएंगे और जरूरत पड़ने पर उग्र आन्दोलन भी करेंगे।

मैनेजमेंट बदला, पीड़िता की जमीन अधिग्रहित नहीं

राशि पावर कंपनी के पीआरओ विनोद तिवारी ने कहा कि जमीन का अधिग्रहण 2012 से पहले किया गया था। तब कंपनी का संचालन दूसरे मैंनेजमेंट के हाथ था। उस समय लोगों से कोई लिखित में एग्रीमेंट भी नहीं हुआ था। अब कंपनी का संचालन अग्रवाल एंड संस कर रहा है। जो महिला अपने बेटे के लिए नौकरी मांग रही है, उसकी जमीन भी अधिग्रहित नहीं हुई है।

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