Welcome to CRIME TIME .... News That Value...

ChhattisgarhUncategorized

भदौरा जमीन घोटाले का मास्टरमाइंड है एसडीएम वीरेंद्र लकरा।

एफआईआर के बाद भी संवैधानिक पद पर मस्तूरी में बने हुए है एसडीएम।

वीरेंद्र लकरा,
एसडीएम

वीरेंद्र लकरा के संरक्षण में कोरबा का जेपी एसोसिएट एनटीपीसी के प्रभावित ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़े को दे रहा अंजाम…!

बिलासपुर| प्रदेश के बहुचर्चित भदौरा जमीन घोटाले के 35 आरोपी आज भी फरार चल रहे है जिसमे इस घोटाले के मास्टर माइंड रहे मस्तुरी के तत्कालीन एसडीएम वीरेन्द्र लकरा, योगेश शुक्ला रजिस्ट्रार व एके मार्बल तत्कालीन तहसीलदार के खिलाफ आरोप दर्ज होने के बाद से अब तक फरार चल रहे है। इनमे से एसडीएम वीरेन्द्र लकरा को पुन: मस्तुरी एसडीएम का प्रभार दिया गया है वही एके मार्बल तहसीलदार के तौर पर कटघोरा क्षेत्र में अपनी सेवाए दे रहे हैं। बावजूद इसके जमीन घोटाले के मामले में उक्त आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है जबकि प्रदेश के सभी बड़े मामलों को लेकर राज्य सरकार एस आई टी का गठन कर उपरोक्त मामलों की जांच करा रही है ऐसे में भदौरा जमीन घोटाले के मामले पर भी सरकार को संज्ञान लेते हुए एसआईटी गठित कर जांच करानी चाहिए।
     गौरतलब है कि मस्तूरी के ग्राम भदौरा में निजी कंपनियों द्वारा जमीन की खरीदी-बिक्री मामले में पुलिस ने वर्ष 2013 में 14 से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए थे। मामला सरकारी जमीनों की खरीदी-बिक्री और राजस्व दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके किसानों की निजी जमीनों को हड़पने का था। इसमें पंच, सरपंच, तहसीलदार, पटवारी, जमीन दलाल व अन्य ग्रामीण सहित कई लोग आरोपी बने। मामले की गूंज राज्य स्तर पर हुई। जांच के बाद पुलिस ने 7 अलग-अलग प्रकरण बनाकर चालान पेश किया था, कुछ फरार आरोपियों की तलाश भी चल रही थी। 22 मार्च 2016 को पुलिस ने दो फरार आरोपी अशोक सिंह पिता पवन सिंह (48) व विशुन राठौर पिता रामधन (48) को उनके घर से गिरफ्तार किया। इस मामले में अक्टूबर 2014 में गांधी चौक निवासी 32 वर्षीय रफीक मोहम्मद, ग्राम उरतुम निवासी व भदौरा के तत्कालीन पटवारी फिरोज मेमन, भदौरा के उप सरपंच नरेंद्र सिंह उर्फ कल्लू व इसी गांव के विनोद सिंह को भादवि की धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471, 419, 201 के तहत दोषी पाते हुए तीन-तीन साल कारावास व 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।

कई आरोपी आज भी फरार, कर रहे मजे से सरकारी नौकरी

मस्तुरी क्षेत्र बहुचर्चित भदौरा जमीन घोटाले में आरोपियों के खिलाफ कई बड़े खेल खेले गए, मामले की जांच के दौरान केवल तीन लोगो के खिलाफ गिरफ्तारी की गयी जिन्हें सजा भी मिली मगर इस मामले में कई ऐसे नामजद आरोपी है जो सरकारी नौकरी में है और बड़े ही मजे से नौकरी कर रहे है मगर पुलिस के रिकॉर्ड में ये आरोपी फरार बताए जा रहे है।

एनटीपीसी व जेपी एसोसियेट को संरक्षण दे रहा एसडीएम

एनटीपीसी पॉवर प्लांट में चलने वाली लगभग सभी भारी वाहने जेपी एसोसिएट की है, जिसका संचालन जयप्रकाश सिंह व पार्टनर आसिफ खान के द्वारा किया जाता है। इन दोनों के द्वारा ही एनटीपीसी में सालो से भारी वाहनों के परिवहन का ठेका लिया गया है जो बेरोक टोक अपने वाहनों का परिचालन बेबाकी से करते आ रहे है। सूत्रों की माने तो पिछले 15 वर्षो तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही इस दौरान मुख्यमंत्री के पुत्र व सांसद अभिषेक सिंह के साथ जेपी एसोसिएट के संचालक जयप्रकाश सिंह के व्यापारिक संबंध रहे जिसके चलते लगातार एनटीपीसी का वाहन ठेका इन्हें मिलता रहा वही भाजपा की सरकार बदलने के बाद जेपी एसोसिएट के संचालको ने कांग्रेस के नेताओ के नाम का उपयोग कर पुन: एनटीपीसी में अपना राज कायम करने में लगे हुए है। जेपी एसोसिएट के वाहनों से क्षेत्रवासी भयभीत रहते है क्योकि इनके वाहनों की रफ़्तार कभी भी किसी ग्रामीण की जान ले सकती है, वही दुर्घटना के बाद भी इनके वाहनों व चालको के खिलाफ पुलिसिया कार्यवाही भी नहीं होती है। क्षेत्र के एसडीएम वीरेंद्र लकरा से ग्रामीणों ने जेपी एसोसिएट के भारी वाहनों के खिलाफ शिकायत की थी मगर जेपी एसोसिएट के संचालको व एसडीएम की मिलीभगत होने की वजह से इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page