झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से एक और युवक की गई जान…
माह भर में छह मौतें ! जागा प्रशासन, बंद होंगे अवैध क्लीनिक
बिलासपुर hct : प्रदेश में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवाने का खामियाजा लोगों को लगातार झेलना पड़ रहा है। मामले उजागर होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इन पर लगाम कसने के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है। एक ऐसा ही मामला बीते शुक्रवार को बिलासपुर जिला के तहत रतनपुर के ग्राम खैरा में रहने वाले एक बीमार युवक के साथ घटित हो गया।
युवक सर्दी-बुखार से था पीड़ित
मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम खैरा निवासी 40 वर्षीय श्रीकुमार आर्मो पिछले कुछ दिनों से सर्दी-बुखार से पीड़ित चल रहा था। तबीयत ठीक नहीं होने पर शुक्रवार को उसके स्वजन ने गांव में अवैध रूप से क्लीनिक संचालन करने वाले झोलाछाप डॉक्टर कुमार सिंह राजपूत को फोन कर घर बुलाया। कुछ देर में तथाकथित डॉक्टर घर पहुंचा और आर्मो की जांच करने के बाद कहा कि इन्हें इंजेक्शन लगाना होगा। इसके बाद वह ठीक हो जाएगा, कहते हुए उंसने आर्मो को दो इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद श्रीकुमार आर्मो को पसीना आने लगा और देखते ही देखते उसकी हालत गंभीर हो चली।
झोलाछाप हुआ फरार
स्थिति को समझते हुए स्वजन उसे रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए निकले, लेकिन बीच रास्ते में ही उसकी मौत। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आर्मो के मौत की खबर जैसे ही कुमार सिंह राजपूत को लगी, वैसे ही वह फरार हो गया। इस मामले की जानकारी रतनपुर पुलिस को दी गई। पुलिस ने मर्ग कायम करते हुए उक्त डॉक्टर की तलाश में जुट गई है।
छठवे पायदान पर आर्मो की मौत
जानकारी यह कि फरार तथाकथित झोलाछाप कुमार सिंह राजपूत बीते कई सालों से ग्रामीणों का इलाज करते हुए उनके जिदंगी से खिलवाड़ करते आ रहा था। इसके पहले भी एक इसी तरह एक झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो चुकी है। इन अज्ञानी डॉक्टरों की इलाज के दौरान आर्मो की मौत छठवे स्थान पर आ चुका है।
इस बात को नहीं भुला जा सकता कि इन प्रदेश भर में झोलाछाप डॉक्टरों की हर गली कूंचों में खरपतवार की तरह क्लिनिक संचालित हो रहे हैं। जानकारी का अभाव और निम्न शुल्क तथा डिग्रीधारी डॉक्टरों की जानलेवा शुल्क के चलते गरीब व मध्यम वर्ग के लोग इन्हीं डॉक्टरों के पास इलाज करवाते है उनमे से बहुतों को तो त्वरित राहत मिल भी जाती है मगर कुछ मौत के मुंह में समा जाते है जिनमे से कुछ मामला तो उजागर होता है और कुछ मौत के साथ ही कफ़न दफ़न। ऐसा भी नहीं कि इनकी शिकायतें नहीं होती लेकिन उन शिकायतों को ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा मोटी रकम लेकर मामले में पर्दा डाल दिया जाता है।और फिर कुछ ही दिनों में चालू हो जाता है अवैध क्लीनिक का संचालन।
होगी अवैध क्लिनिक पर तालाबंदी
सीएमएचओ डा़ प्रभात श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि हमें पहले से ही प्रशासन स्तर पर निर्देश मिल चुका है कि जिले के झोलाछापों के अवैध क्लीनिक बंद कराया जाए। ऐसे में झोलाछापों की फिर से सूची तैयार कर ली गई है। आने वाले दिनों में इनके खिलाफ तबाड़तोड़ कार्रवाई करते हुए इनके अवैध क्लिनिक बंद कराया जाएगा।