Jhabua Crime: गहरी नींद में था युवक, गोली मारकर कर दी हत्या, कोर्ट ने दी आजीवन कारावास की सजा
यह घटना रात की है जब पूरा परिवार गहरी नींद में सो रहा था। तभी अचानक से गोली चलने की आवाज आई। जिसके बाद जब सभी उठे तो देखा की हाथ में कट्टा लिए एक युवक ने परिवार एक सदस्य को गोली मार दी। प्रथम अपर सत्र न्यायालय न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा ने गोली मारकर हत्या करने वाले दो आरोपितों को कसूरवार मानते हुए सजा सुनाई है।
HIGHLIGHTS
- गोली मारकर हत्या करने वाले दो आरोपितों को मिली सजा
- कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ ही अर्थदण्ड भी लगाया
- प्रकरण का संचालन लोक अभियोजक मानसिंह डावर ने किया
झाबुआ। प्रथम अपर सत्र न्यायालय न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा ने गोली मारकर हत्या करने वाले दो आरोपितों को कसूरवार मानते हुए सजा सुनाई है। शर्मा ने डूमपाड़ा के एक आरोपित को धारा 302-34 में आजीवन कारावास व व आर्म एक्ट में 7 वर्ष के साथ 7 हजार रुपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया है। एक अन्य आरोपित को धारा 302-34 में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
एडीपीओ सूरज वैरागी ने बताया कि 2 मार्च 2022 को कागझर निवासी राकेश डामोर उसकी पत्नी गूंदाबाई व पक्कू डामोर अपने आंगन में सो रहे थे। रात करीब रात 12.30 बजे गोली चलने की आवाज सुनाई दी। वे उठे तो उन्होंने देखा कि पक्कू की खाट के पास पूरब डामोर खड़ा था जिसके हाथ में कट्टा था व बदिया और करनसिंह साथ में थे।
सोते समय सिर पर मार दी गोली
जब पास में जाकर देखा तो पक्कू डामोर के सिर पर गोली लगने से मर चुका था। मामले की रिपोर्ट झाबुआ थाने पर दर्ज करवाई गई। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपित पूरब पुत्र अभयसिंह डामोर व बदिया पुत्र भीमा वाखला को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के पास से एक 12 बोर का कट्टा व एक कारतूस खाली जब्त किया गया। मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
न्यायाधीश शर्मा ने आरोपित पूरब पुत्र अभयसिंह डामोर उम्र 50 साल निवासी डुमपाड़ा को दोषी पाते हुए धारा 302-34 में आजीवन कारावास एवं धारा 25-27 आर्म्स एक्ट में 7 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 7 हजार रूपये का अर्थदंड से दण्डित किया।
आरोपित बदिया पुत्र हिमा वाखला को भी मामले में कसूरवार माना गया। आरोपित को धारा 302-34 भादवि में आजीवन कारावास व 5 हजार रूपये का अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण का संचालन लोक अभियोजक मानसिंह डावर द्वारा किया गया।