डिजिटल अरेस्ट कर रिटायर्ड बैंक कर्मी से 50 लाख रुपये की ठगी, झांसे में आकर 2 दिन तक घर में रहा बंद
उज्जैन में सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी को साइबर ठगों ने डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। ठगों ने उन्हें सीबीआई अधिकारी बनकर मनी लॉंड्रिंग के आरोप का डर दिखाया और दो दिन तक वीडियो कॉल पर उन्हें अरेस्ट किया। पुलिस और साइबर सेल मामले की जांच कर रहे हैं।
HIGHLIGHTS
- सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी 50 लाख रुपये का फ्रॉड
- सायबर ठगों ने दो दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट
- इससे पहले भी CBI के नाम पर हो चुका है फ्रॉड
उज्जैन: छाया नगर में रहने वाले सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी के साथ डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। सायबर ठग ने उन्हें दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी व मां को भी इसकी जानकारी नहीं दी। रुपये ट्रांजेक्शन करने के बाद उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी की गई है।
इस पर माधवनगर पुलिस को शिकायत की गई है। सायबर सेल भी पूरे मामले की जांच में जुटी है। 3 अगस्त को भी दिलीप बिल्डकान के मैनेजर को डिजिटल हाउस अरेस्ट किया गया था। हालांकि पुलिस को जानकारी मिलने पर ट्राजेक्शन रुकवा दिया गया था। जिससे वह धोखाधड़ी से बच गए थे।
मनी लॉड्रिंग मामले में फंसाने डर
टीआइ राकेश भारती ने बताया कि एसबीआई के रिटायर्ड मैनेजर राकेश कुमार जैन उम्र 65 वर्ष निवासी छाया नगर के पास दो दिन पूर्व सीबीआई अधिकारी बनकर एक बदमाश ने फोन कर धमकाया कि मनी लॉड्रिंग में उसका नाम सामने आया है।
उनके बैंक खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। इस आधार पर उसे आरोपित बनाया जा रहा है। वह अपने घर में ही रहें और किसी को घर के अंदर ना आने दें और ना ही बाहर जाने दें। वीडियो काल पर वह फोन के सामने ही बैठे रहें।
दिल्ली कोर्ट व सीबीआई का वारंट भेजा
ठग ने जैन के इंटरनेट मीडिया वाट्सएप पर दिल्ली कोर्ट व सीबीआइ का एक वारंट भेजा था। इसमें उसे डिजिटल अरेस्ट किए जाने का आदेश था। जिसे देखकर वह बुरी तरह घबरा गए थे। उन्होंने किसी को इसकी जानकारी नहीं दी थी। दो दिनों तक लगातार उन्हें अपनी बातों में उलझाए रखा तथा जमकर डराया धमकाया।
सायबर अपराधी ने दो दिनों के दौरान जैन से 50 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। जैसे ही रुपये ठग के बैंक खातों में गए वहां से पूरी राशि निकाल ली गई। जैन को बाद में पता चला कि उनके साथ ठगी की गई है। जिस पर उन्होंने माधवनगर पुलिस को शिकायत की थी। एसपी प्रदीप शर्मा ने सायबर सेल के अधिकारियों को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है।
दिलीप बिल्डकॉन के मैनजर ठगी का शिकार होने से बचे
बता दें कि 3 अगस्त को दिलीप बिल्डकॉन के मैनेजर मनीष दीक्षित निवासी तिरुपति अपार्टमेंट को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लाखों रुपये मांग की गई थी। मैनेजर को एक व्यक्ति ने फोन कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और मनी लांड्रिंग केस में उनका नाम आने व दस करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की बात कही। मैनेजर को धमकाया कि वह घर से कहीं बाहर ना जाए।
मैनेजर के दोस्त को जानकारी लगी तो एसपी प्रदीप शर्मा को शिकायत की। इसके बाद नानाखेड़ा थाने के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और मैनेजर व परिवार को समझाइश दी। जिससे वह लाखों रुपये की धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गए थे।
व्यापारी से कर चुके ठग दो करोड़ रुपये की ठगी
गौरतलब है कि आठ अप्रैल को उज्जैन के एक कारोबारी चरणजीत के पास वाट्सएप पर एक कॉल आया था। इस पर उसे बताया कि एक एयरवेज कंपनी के मालिक द्वारा की गई करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के रुपये उसके बैंक खाते में ट्रांसफर हुए हैं। मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। फोन करने वाले लोगों ने वाट्सएप पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो लगा रखा था।
व्यापारी को सीबीआई व गवर्मेंट ऑफ इंडिया के विभिन्न विभागों के लेटर हेड पर दिया गया, अरेस्ट आर्डर वाट्सएप पर भेजा गया। डिजिटल अरेस्ट कर व्यापारी से आरटीजीएस के माध्यम से दो करोड़ रुपये बैंक खाते में जमा करवा लिए थे। मामले में पुलिस ने बिहार व उत्तर प्रदेश के पांच आरोपितों को भी गिरफ्तार किया था।