सरना धान की अलग स्टैकिंग। अधिकारियों की साँठगाँठ से हो रहा है बड़ा खेल : मुरलीधर।
गरियाबंद।(hct)।भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेशमंत्री एवं मार्केटिंग सोसायटी किसान राईस मिल गरियाबन्द के अध्यक्ष मुरलीधर सिन्हा ने आरोप लगाया है कि धान खरीदी में अधिकारी व राईस मिलर्स साँठगाँठ कर बड़ा खेल कर रहे हैं और यह खेल वर्षों से चल रहा है।
मुरलीधर सिन्हा ने आरोप लगाया है की, समर्थन मूल्य पर उपार्जन केंद्रों में जो धान खरीदा जा रहा है, उसमें दो प्रकार का मोटा और पतला धान लिया जा रहा हैं किन्तु जिला विपणन अधिकारी मार्कफेड गरियाबन्द एवं जिला खाद्य अधिकारी गरियाबन्द के मौखिक आदेश पर “सरना धान” की खरीदी अलग से की जा रही है जबकि सरना धान मोटा कॉमन ग्रेड में आता है, तो आदेशानुसार कॉमन ग्रेड मोटा में ही स्टेकिंग (थप्पी) खरीदी केंद्र में करना चाहिये, इसमें धान उपार्जन केंद्र प्रभारी की भी मिलीभगत लगती है, इसीलिये “सरना धान” को अलग से स्टेकिंग (थप्पी) और बोरा सिलाई का कलर भी किया जा रहा हैं, यह बहुत बड़ा खेल है क्योंकि राईस मिलर्स द्वारा डीएमओ से लिये गये सरना धान का आरoओo को मिलिंग करके नहीं देता, उसके बदले में मोटा धान को ही कस्टम मिलिंग करके चाँवल वापस देता है।
सरना धान का चाँवल, फाइन चाँवल आता है जिसमें ब्रोकन (कनकी) नहीं होता है जिसे मिलर्स एक्सपोर्ट करते है। विदित हो कि चाँवल के खेल में शासन 30 से 35 प्रतिशत तक ब्रोकन (कनकी) लेती है, किन्तु अधिकारियों के मिलीभगत से 40 प्रतिशत से भी अधिक ब्रोकन (कनकी) में चाँवल कस्टम मिलिंग करके देता है, भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के नेता मुरलीधर सिन्हा ने क्वालिटी कंट्रोलर को भी मिले हुए हैं करके आरोप लगायें हैं।
यहाँ बताना लाजिमी होगा कि धान खरीदी के मामले में प्रदेश सरकार की एजेन्सी छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित, रायपुर (मार्कफेड) और मार्कफेड की एजेंसी प्राथमिक सहकारी समितियाँ है जो उपार्जित करके देती है।