गुरुर महाविद्यालय की दिव्या देशलहरे को राष्ट्रीय स्तर पर अवसर
स्व. डारन बाई तारम शासकीय महाविद्यालय गुरुर की दिव्या देशलहरे हिमाचल प्रदेश साहसिक शिविर में चयनित

गुरुर (बालोद) hct : स्व. डारन बाई तारम शासकीय महाविद्यालय गुरुर की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई की स्वयंसेविका कुमारी दिव्या देशलहरे को हिमाचल प्रदेश में 24 अक्टूबर से 2 नवंबर 2025 तक आयोजित होने वाले साहसिक शिविर में भाग लेने हेतु चयनित किया गया। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के समन्वय में यह शिविर अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय, बिलासपुर के आयोजन तंत्र के तहत आयोजित किया जा रहा है।
कुमारी दिव्या, जो “मेरा युवा भारत” (bharat.gov.in) में पंजीकृत हैं, एनएसएस में सक्रिय योगदान के लिए जानी जाती हैं। उनके चयन ने महाविद्यालय समुदाय में उत्साह और गर्व का माहौल पैदा किया है।
महाविद्यालय द्वारा बधाई और शुभकामनाएँ
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर के एल रावटे ने दिव्या देशलहरे को इस उपलब्धि पर बधाई दी और उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर एनएसएस के वर्तमान और पूर्व कार्यक्रम अधिकारी, शिक्षकगण और महाविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
उपस्थिति में शामिल शिक्षक और अधिकारी:
- पूर्व कार्यक्रम अधिकारी: प्रोफेसर रोहित कुमार सोरी
- वर्तमान एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी: प्रोफेसर गौसेवक देवांगन
- अन्य शिक्षक: प्रोफेसर लेखराम हिरवानी, डॉ. योगेन्द्र कुमार ध्रुवे, प्रोफेसर एस जोशी, प्रोफेसर प्रज्ञा कोरपे, प्रोफेसर डी के बारसेल, प्रोफेसर टी एस साहू, प्रोफेसर एच एस दीवान, प्रोफेसर सुमन साहू, डॉ. नजमा बेगम, प्रोफेसर प्रेमचंद साहू, सभी ने दिव्या को हार्दिक बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दी।
साहसिक शिविर के महत्व
प्रोफेसर गौसेवक देवांगन ने बताया कि इस शिविर में सहभागिता करने से दिव्या का व्यक्तित्व और कौशल दोनों विकसित होंगे। प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को साहसिक खेल, टीमवर्क, नेतृत्व कौशल, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी के क्षेत्रों में सक्रिय योगदान करने का अवसर मिलेगा।
इस प्रकार का शिविर छात्राओं के व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ उनके सामाजिक और नैतिक दायित्वों को भी उजागर करता है। दिव्या देशलहरे इस अनुभव से न केवल अपने कौशल का संवर्धन करेंगी, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी फैलाएँगी।
महाविद्यालय का योगदान और प्रेरणा
गुरुर महाविद्यालय की एनएसएस इकाई छात्रों को ऐसे अवसर प्रदान करने में हमेशा अग्रणी रही है। इससे युवा प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पहचान मिलती है और नेतृत्व व जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है।
दिव्या देशलहरे का चयन महाविद्यालय की मेहनत और उनकी स्वयं की लगन का परिणाम है। शिक्षक और अधिकारी इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उन्हें इस साहसिक यात्रा में सफल होने की शुभकामनाएँ दे रहे हैं।






