मांस का ठेला लगाने से रोका, ठेला माफिया ने चलाई गोलियां
सरकारी जमीन पर मांस का ठेला लगाने को लेकर प्रापर्टी डीलर व उसके दोस्त का विवाद ठेला माफिया से हो गया। विवाद में ठेले वाले व उसके साथ के लोगों ने प्रापर्टी डीलर व उसके दोस्त पर फायरिंग कर दी। फायरिंग में प्रापर्टी डीलर के दोस्त को गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

HIGHLIGHTS
- प्रापर्टी डीलर और उसका दोस्त घायल
- मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है
- पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है
ग्वालियर। सरकारी जमीन पर मांस का ठेला लगाने से रोकना एक प्रापर्टी डीलर और उसके दोस्त को भारी पड़ गया। ठेले वाले से रुपये लेकर यहां ठेला लगवाने वाले ठेला माफिया ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। एक गोली प्रापर्टी डीलर और दूसरी गोली उसके दोस्त को लगी। इस मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है। आरोपितों की तलाश चल रही है।
पुरानी छावनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बृजधाम कालोनी में रहने वाला राघवेंद्र तोमर प्रापर्टी डीलर है। यहीं उसकी मार्केट भी बनी है। मार्केट के सामने सरकारी जमीन पर डब्बू कुर्रेशी मांस का ठेला लगाता है। जिससे यहां गंदगी होती है। मांस यहीं पर काटता है। जब शाम को वह आया तो राघवेंद्र अपने साथी रवि तोमर और शुभम पवैया के साथ बैठा था। राघवेंद्र ने मांस का ठेला लगाने के लिए मना किया।
उसने कहा कि मांस की जगह कोई और खाद्य पदार्थ बेच ले, जिससे यहां गंदगी न हो। तभी ठेला लगवाने के एवज में पैसा वसूलने वाला मोनू तोमर अपने दो साथियों के साथ कार से यहां आया। डब्बू ने उसे इस बारे में बताया। फिर मोनू और डब्बू ने राघवेंद्र को पीटना शुरू कर दिया। मोनू ने पिस्टल निकाली और गोली चलाई। राघवेंद्र ने हाथ आगे किया, जिससे गोली उसके हाथ में लगी। दोबारा उसने गोली चलाई तो शुभम बीच में आया।
उसने रोकने का प्रयास किया, इस पर शुभम को भी गोली मार दी। शुभम के हाथ और कमर में दो गोलियां लगी। आरोपित यहां से भाग गए। घायलों को जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती किया गया। सीएसपी नागेंद्र सिकरवार ने बताया कि इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है।
पूरे शहर में सक्रिय ठेला माफिया, ब्याज पर पैसा देकर ठेला लगवाते हैं, कार्रवाई हो तो धरना दिलाते हैं
पूरे शहर में ठेला माफिया सक्रिय है। यह ठेला माफिया मोटे ब्याज पर ठेले, गुमटी, फड़ वालों को पैसा उधार देते हैं। सामान खरीदने के लिए पैसा देते हैं। प्रतिदिन 10 से 40 प्रतिशत तक का ब्याज वसूलते हैं। सरकारी जगहों पर ठेले लगवाते हैं। जब इन पर नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करती है तो धरना दिलाने से लेकर विरोध करने की पूरी रणनीति यही तैयार करते हैं।