कूट रचित आदेश के चलते 19 साल से सरकारी आवास का किराया देता रहा !
जांच में किराया वसूली के लिए लगाए गए प्रपत्र मिले फर्जी
- अपर आयुक्त ने मंडलायुक्त को सौंपी जांच रिपोर्ट
- चार सदस्यीय एसआईटी ने की थी प्रकरण की जांच
मुरादाबाद में एसएसपी आवास के किराए को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया है कि किराए के लिए लगाए गए दस्तावेज फर्जी हैं। अपर आयुक्त ने मंडलायुक्त को सौंपी जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस मामले में पुलिस विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारी भी कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं।
मुरादाबाद। पुलिस विभाग एसएसपी मुरादाबाद के सरकारी आवास का लगभग 19 साल तक किराया भरता रहा। किसी ने यह जानने का प्रयास नहीं किया कि लगभग 97 साल पुराने आवास पर 2005 में किराए के लिए किस आधार पर दावा किया गया।
इस प्रकरण की अपर आयुक्त के द्वारा की गई जांच में किराया वसूली के लिए लगाए गए प्रपत्र फर्जी मिले हैं। जबकि, किराए भरने के लिए आदेश करने वाला भी कूट रचित माना जा रहा है। इस प्रकरण में एसएसपी द्वारा पहले ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। जांच के आधार पर न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी। साथ ही पुलिस अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी।