Welcome to CRIME TIME .... News That Value...

Chhattisgarh

हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी नहीं तो सैकड़ों ग्रामीणों के साथ करुँगी अनशन : सोनी सोढ़ी।

मुझे 02 फ़रवरी 2019 को सूचना मिली कि गोडेलगुड़ा गाँव में फर्जी मुठभेड़ हुई है। जिसमें एक महिला की हत्या पुलिस जवानों ने कर दी है। दूसरे दिन मैं 03 फ़रवरी 2019 गोडेलगुड़ा गाँव गई जहाँ मुझे ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों से ज्ञात हुआ कि मुठभेड़ पूरी तरह से फर्जी है…!
सोनी सोढ़ी (सामाजिक कार्यकर्ता)
वहाँ किसी भी मोओवादी से मुठभेड़ या क्रॉस फायरिंग की घटना घटित नहीं हुई है। घटना के प्रत्यक्षदर्शी इस मामले में न्यायालय में अपनी बात भी कहने के लिए तैयार हैं।

जवानों ने सुक्की और एक अन्य महिला देवे को हत्या के उद्देश से जानबूझकर गोली मारी थी जिससे दोनों महिलायें घायल हो गई। सुक्की को सीने में एवं देवे को जांघ में गोली मारी गई। जबकि तीसरी महिला हुंगी पर जवानों का निशाना चुक गया और वह बच गई।

सुक्की को गोली लगने के बाद गाँव की महिलाओं ने पानी पिलाने की कोशिश की पर जवानों ने उसे पानी पीने नहीं दिया जबकि सुक्की अंतिम वक्त में भी बोल रही थी “माँ मैं मर रही हूँ”….।
यह घटना करीब खड़ी महिलायें देखती रह गई। फ़ोर्स के लोग सुक्की को वर्दी पहनाने लगे तो महिलाओं ने विरोध करते हुए कहा कि यह चार बच्चों की माँ है इसे वर्दी पहनाकर नक्सली मारकर लायें है यह दिखाकर पैसा खाओगे क्या। इसके बाद वर्दी पहनाना छोड़ जवान घायल सुक्की को झिल्ली में बाँध कर ले गये। सुक्की को गोली लगने से अधिक रक्तस्राव और बाद में झिल्ली में बाँधने के कारण घुटन से उसकी मौत हुई होगी।

लेकिन, इस मामले में एसपी सुकमा ने यह दावा किया है कि घायल महिला देवे को हम लेकर आये थे और उसका इलाज करवा रहे हैं जबकि सुक्की को जिन्दा रहते झिल्ली में बाँधते समय उनकी मानवता कहाँ थी। जवानों ने महिलाओं को यह भी कहा कि दूसरी महिला देवे को पूसवाड़ा कैम्प लेकर आ जाओ हम उसका इलाज करेंगे और वहाँ से सुक्की को झिल्ली में बांधकर लेकर वे लोग चले गये। इस घटना के बाद तीसरी महिला बच निकली थी जो अभी गाँव में है।

बस्तर में आदिवासियों की हत्याएं सुरक्षा बल के जवान अवार्ड पाने के उद्देश से कर रहे हैं | सुकमा जिले के मंत्री कवासी लखमा ने 08 दिनों में कारवाई का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों और हमारी माँग है कि पहले मंत्री कवासी लखमा गोडेलगुड़ा गाँव जाएँ और ग्रामीणों से मिलकर घटना के बारे में जानकारी लें। छत्तीसगढ़ सरकार पीड़ित परिवार की पूरी जिम्मेदारी ले। जिन हत्यारे जवानों ने गोली मारकर सुक्की और देवे को घायल किया और झिल्ली में बांधकर सुक्की की हत्या की उन्हें शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। ऐसी घटना की पुनरावृति रोकने सरकार ठोस कदम उठाये, इन मांगों को आठ दिनों के भीतर सरकार पूरी नहीं करती है तो मैं पीड़ितों के परिवार और सैकड़ों ग्रामीणों के साथ अनशन पर बैठूंगी।
प्रभात सिंह।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page