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Chhattisgarh

बस्तर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति ने जाहिर की चुनाव लड़ने की इच्छा, कहा मोदी सरकार से हो चुका है लोगो का मोहभंग।

कोरबा और कोरिया को एजुकेशन हब के तौर पर चाहते है विकसित करना, पत्रकारों से की विस्तार से चर्चा।

कोरबा। देशभर में उच्च शिक्षा प्रगति के पथ पर है। यहाँ शिक्षा के साथ ही विकास की अपार संभावनाएं है। यह युवाओ का देश है। जहाँ तक छत्तीसगढ़ की बात है नयी सरकार की यह पूरी कोशिश होगी की युवाओ को बेहतर शिक्षा दे जाए ताकि उनके कौशल को और भी ज्यादा विकसित किया जा सके जिससे प्रदेश के उद्योगों में मानव संसाधन के मांगो को पूरा किया जा सके। यह तमाम बाते बस्तर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एनआर चंद्रा ने कही। वह आज कोरबा के प्रवास पर थे। उन्होंने प्रेस क्लब तिलक भवन में प्रेस वार्ता भी की।
शिक्षा का निजीकरण वैश्वीकरण का हिस्सा।
शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण के सवाल पर डॉ चंद्रा ने कहा की यह दौर पूरी तरह से उदारीकरण का दौर है। वैश्वीकरण के बीच व्यवस्थाएं डिजिटल हो रही है। उन्होंने कहा की भारत के संदर्भ में देखा जाए तो यहाँ निजी शिक्षण संस्थानों के लिए बड़ा स्कोप है और यह बहुत बड़ा अवसर भी है। उन्होंने कहा की आज बेहतर शिक्षा के लिए देश के युवा विदेशो का रूख कर रहे है। लिहाजा उम्मीद है की आने वाले वक़्त में वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उन्हें देश के भीतर भी हासिल हो सके। डॉ चन्दा का मानना है की इस तरह की कामयाबी के लिए सरकार में इच्छाशक्ति का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने माना की एजुकेशन का व्यवसायीकरण हो रहा है लेकिन जरूरत इस बात की है की हम ऐसे शिक्षा की गुणवत्ता को परखे और और उन्हें अपनाये और यह तभी संभव झाई जब हमारे पर अच्छे तकनीक, बेहतर अधोसंरचना और प्रशिक्षक हो। उन्होंने इसके लिए प्रतिलिप्याधिकार के साथ उच्च गुणवत्ता वाले शोध पर भी जोर दिया। डॉ चंद्रा ने प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयो के शुरू किये जाने की हिमायत की है।

कांग्रेस के अलावा नहीं किसी और के संपर्क में…

उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की भी इच्छा जाहिर की है साथ ही यह भी साफ़ किया की अगर कांग्रेस उन्हें मौक़ा नहीं देती तो वह किसी और पार्टी से इस तरह की पेशकश नहीं करेंगे। डॉ चंद्रा का मन्ना है की जिन वादों के साथ 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी थी वह वादे पूरे नहीं हो सके है। इसके लिए उन्होंने राम मंदिर निर्माण, धारा 370 और सिविल युनिफोर्म कोड जैसे बड़े मसले का भी जिक्र किया। वे मानते है की सरकार इन वादों को अपने पांच साल के कार्यकाल में पूरा नही कर सकी है जबकि इन्ही वादों पर भरोसा कर आम लोगो ने उन्हें पिछले लोकसभा में जीत दिलाई थी और यही वजह है की आज आम लोगो का केन्द्र की सरकार से मोह भंग हो चुका है।

कोरबा मेरा धर्म और कर्मक्षेत्र, कांग्रेस दोहराएगी अपना प्रदर्शन।

डॉ चंद्रा ने कोरबा को अपना धर्म और कर्मक्षेत्र बताते हुए कहा की पेंड्रा का मरवाही क्षेत्र उनके लिए विद्या का क्षेत्र रहा है। उन्होंने अपने कॉलेज के प्राध्यापक का कार्य चिरमिरी के महाविद्यालय से शुरू किया था। पूर्व कुलपति ने बताया की वह चिरमिरी की समस्या जानने वहा पहुंचे थे और उन्होंने कुछ बुद्धिजीवियों से इस पर चर्चा भी की, वे मानते है की चिरमिरी इलाके में समस्या विकराल हो चुकी है जिसकी सबसे बड़ी वजह वहाँ की कोयले की की खदाने है। उन्होंने पर्यावरण की अनदेखी और प्रदुषण पर भी अपनी चिंता जाहिर करते हुए लोगो के पुनर्वास की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। कोरिया जिले की सबसे बड़ी समस्याओं में उन्होंने पलायन को शामिल करते हुए कहा की जिले के ज्यादातर युवा शिक्षा और आम लोग रोजगार के लिए लगातार पलायन कर रहे है जोकि चिंता का विषय है। डॉ चंद्रा का मन्ना है की कोरिया को एजुकेशन हब के तौर पर विकसित किया जा सकता है ताकि शिक्षा के लिए हो रहे पलायन को रोका जा सके। इन सबके बीच बस्तर के पूर्व कुलपति डॉ चंद्रा का यह भी मानना है कांग्रेस ने जिस तरह का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में किया था वह इसे लोकसभा चुनाव में भी दोहराएगी।
प्रभात सिंह।

*दंतेवाड़ा से प्रभात सिंह की रिपोर्ट।

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