छेड़छाड़ : स्ट्रांग रूम में लैपटाप द्वारा ईव्हीएम ऑपरेट करते पकड़ाया जवान, प्रत्याशी व अन्य की सक्रियता से पुलिस ने की सामग्री जब्त।

*जावेद अख्तर

ईवीएम में छेड़छाड़ तथा मोबाइल व लैपटाप द्वारा ऑपरेट को लेकर तमाम तरह के मामले सामने आ रहें हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को बेमेतरा जिले में भी पकड़ाया है।

बेमेतरा। जिला के स्ट्रांग रूम में बीएसएफ का जवान लैपटॉप लेकर ऑपरेट कर रहा था, प्रत्याशी और जिला अध्यक्षों की सक्रियता से उसके लैपटॉप को थाने में जब्ती बनाई गई है, और आगे उसकी जांच की जाएगी।
लेकिन सोचिए और समझिए कि जांच रिपोर्ट तो साल दो साल बाद ही आएगी, तब तक तो इसी तरह से सत्ता हासिल कर ली जाएगी।
   खिरकार आखरी बाल पर छक्का मारने का बयान ऐसे ही थोड़ी दिया है प्रदेश के मुखिया ने…

छेड़छाड़ का प्रमाण रूपी वीडियो देखिए। ये वीडियो मध्यप्रदेश का है, लेकिन छत्तीसगढ़ के मुखिया और उनके एक खास अफसर ने भी ऐसी ही कुछ तैयारी की है इस बार, सतर्क और सावधान रहिए क्योंकि सत्ता पाने के लिए हर तरह का प्रपंच रचा जा रहा है।
   प लोगों से बार-बार अनुरोध है यदि इस प्रकार से किसी भी इलेक्ट्रॉनिक वस्तु स्ट्रांग रूम के आसपास के सभी अधिकारी कर्मचारी के द्वारा उपयोग में लाया जा रहे हैं उस पर बारीकी से और गंभीरता से ध्यान दें और उसकी तत्काल शिकायत जिला पुलिस प्रशासन को करें और काल डिटेल फोटो आडियो-वीडियो को तत्काल सुरक्षित करने की व्यवस्था करें। हो सके स्वंय के मोबाइल के अलावा अन्यत्र कहीं भी सेव करके रख लें।
  जिला प्रशासन गंभीरता से नहीं ले तो सूचना आगे बढ़ाएं, सामाजिक कार्यकर्ता, संगठन, एनजीओ व पत्रकारों को भेजें, सोशल मीडिया पर अपलोड कर दें, दो चार वेबपोर्टल्स को ईमेल कर दें। स्वंय की पहचान गुप्त रखना चाहतें हैं तो जिसको भी दें उनसे पहले आश्वासन प्राप्त कर लें कि शिकायतकर्ता अथवा प्रार्थी के नाम व पते को गुप्त रखेंगे। अगर आश्वस्त हों तो ही दें। स्वंय के जान माल की सुरक्षा का भी ध्यान बनाये रखें। किसी भी राजनीतिक पार्टी का पक्षधर ना बने बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक बनें और लोकतंत्र की सुरक्षा का जिम्मा अपना कर्तव्य समझकर निर्वहन करें। सशक्त लोकतंत्र ही सशक्त राष्ट्र व समाज का निर्माण कर सकता है। छलकपट व धोखाधड़ी से बनी सरकार कभी भी जनहित व समाजहित में कार्य नहीं करेगी।
  मान लीजिए कि आज जो सामग्री जब्त हुई है उसकी रिपोर्ट साल दो साल बाद जांच रिपोर्ट आ भी जाएगी तो क्या होना है क्योंकि सत्ता जिसकी, प्रशासन का आधा झुकाव भी उसकी ही तरफ रहता है। और बड़े मीडिया हाउसों का क्या कहना। देखा ही जा सकता है किस तरीके से दंगा भड़काने में महती भूमिका निभा रहें हैं, वो तो रब दी मेहर है कि चंद मीडिया हाउस आज भी जिंदा है और उनका स्वाभिमान भी अन्यथा बेड़ागर्क करके ही रख दिए होते।

 

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