मनरेगा मजदूरों की मौत पर कैसी चुप्पी ?
बालोद। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 20 लाख करोड़ रूपये की आर्थिक पैकेज में मनरेगा जैसे कामो पर खास ध्यान दिया है इससे पूर्व सदन में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मनरेगा को कांग्रेस की नाकामी तक कह चुके है।
ज्ञात हो की बालोद जिला के गुरूर विकासखंड के बालोदगहन पंचायत के द्वारा मनरेगा मजदूरों से भरी हुई गाड़ी 29 फरवरी को नेशनल हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। पिकअप वाहन में सवार 19 मजदूरों में एक महिला मजदूर की मौत दुर्घटना स्थल पर ही हो गई थी। बाकी मजदूरों को गंभीर चोंट आई थी, जिसमें से चार मजदूरों की हालत गंभीर बताई गई थी जिसमें से एक और महिला मजदूर की मौत पांच दिन पहले हो गई है।
मनरेगा मजदूरों की मौत पर जिला प्रशासन की चुप्पी अब तक किसी को समझ नहीं आई। एक ओर जहां केन्द्र से लेकर राज्य सरकार प्रदेश के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत रहे, इसके लिए मनरेगा का कार्य युद्ध स्तर जारी किये हुए हैं। वही बालोद गहन पंचायत के मजदुरो की मौत पर उन्हें मुआवजा और अन्य सुविधाओं की कोई लाभ नहीं दिया है ?
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