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धरसींवा विधानसभा की सीट भाजपा के लिए अब आसान नहीं ? त्रिकोणीय मुकाबला में कांटे की टक्कर।
खरोरा। रायपुर जिले की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीट धरसीवा में त्रिकोणीय संघर्ष स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। यहां भाजपा के देवजी पटेल, कांग्रेस से झीरम घाटी में शहीद योगेंद्र शर्मा की धर्मपत्नी की अनीता शर्मा और जोगी कांग्रेस से पन्नालाल साहू मैदान में है।
लगातार तीन बार से धरसींवा विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले देवजी भाई पटेल की प्रतिष्ठा दांव पर है। पिछला चुनाव देवजी भाई पटेल ने बहुत ही कम मतों के अंतर से अनीता शर्मा को पराजित कर विजय हुए थे। वह अपनी सीट बचाने में सफल रहे, किंतु यह बात स्पष्ट रूप से यह देखने को मिल रहा है विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर मतदाताओं के बीच में देखने को मिल रही है।
वहीं साहू समाज के मतों के ध्रुवीकरण के चलते भाजपा को बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है धरसींवा विधानसभा में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति निर्मित हो चुकी है वह मुकाबला बहुत ही रोचक होने की उम्मीद है जहां एक और जोगी कांग्रेस के पन्नालाल साहू को टिकट देकर जोगी कांग्रेस ने जाति आधार का दांव खेला है उसका स्पष्ट फायदा मिलता नजर आ रहा है इस विधानसभा सीट का परिणाम चौंकाने वाला होगा मतदाताओं के मन में अभी भी मौन साधे हुए हैं वे अभी अपनी मनः स्थिति से किसी को अवगत नहीं करा रहे हैं”
सभी दल के लोग अपने अपने स्तर
सभी दल भरपूर प्रचार कर मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र में 230000 मतदाता है, जिसमें 70000 साहू समाज के मतदाता व 50,000 कुर्मी मतदाता वहीं करीब 40,000 यादव व अन्य समाज के लोगों की है। साहू समाज के मतदाता भाजपा के परंपरागत वोट बैंक माने जाते है, किंतु इस बार साहू समाज से जोगी कांग्रेस की ओर से पन्नालाल साहू के खड़े होने से साहू समाज का वोट स्पष्ट ही जोगी कांग्रेस की ओर होता नजर आ रहा है।
इसका सीधा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है, वहीं कांग्रेस की अनीता शर्मा अपने 5 वर्षों में लगातार क्षेत्र में सक्रियता व लोगों के सुख दुख में सहभागिता सहित कांग्रेस के घोषणापत्र में किसानों के किसानों के कर्जा माफ सहित विभिन्न योजनाओं को लोगो तक पहुंचा रही है व भाजपा के देवजी भाई पटेल अपने द्वारा क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों को लेकर आम जनता के बीच जा रहे है व जोगी कांग्रेस के पन्नालाल साहू आम लोगों के बीच परिवर्तन कर नए व्यक्तित्व का चुनाव को लेकर मैदान में है व उनके द्वारा गांव गांव में जनसंपर्क किया जा रहा है। भाजपा व कांग्रेस पार्टी में जयचंदों की कमी नहीं है जिसके चलते दोनों ही पार्टी बहुत ही मुश्किलों का सामना कर रही है। अब चुनाव परिणाम किस ओर बैठेगा यह नहीं कहा जा सकता।
धरसींवा विधानसभा के परिणाम
धरसींवा विधानसभा के परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं मतदाताओं का मौन रहना स्पष्ट रूप से सत्ता विरोधी लहर की ओर इशारा करता है।
*नीलेश गोयल (खरोरा)।
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