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Home>>National>>अहम् फैसलों के नाम रहा 9/11
National

अहम् फैसलों के नाम रहा 9/11

Dinesh Soni
November 9, 20190
आज दिनांक 9 नवंबर, शनिवार का दिन एक तरफ हिन्दुओं धर्मावलम्बियों के लिए खुशगवार रहा तो वहीं सिक्ख पंथ के लिए भी सौगात भरा दिन साबित हुआ लेकिन राजनीती की दृष्टि से कहीं ख़ुशी तो कहीं गम का माहौल वह इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो चुका और सरकार किस करवट बैठेगी यह दुविधा बनी हुई है। क्योंकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक दिन पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस परिस्थिति में राज्यपाल महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर सकते हैं।

अयोध्या के रामजन्मभूमि रामलला के नाम

देश के सर्वाधिक चर्चित व विवादित अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में आज 9 नवंबर को सुबह साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ ही गया। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन पर रामलला का हक माना है यानि विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है; जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है। राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है और अब केंद्र सरकार को आगे की रूपरेखा तय करनी है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अयोध्या मामले पर फैसले की टाइमिंग को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि; जिस दिन करतारपुर कॉरिोडर का उद्धाटन हो रहा है, उसी वक्त अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया जा रहा है ?

भारत–पाकिस्तान के बीच “करतारपुर साहिब कॉरिडोर” लोकार्पित

पिछले सत्तर वर्षों से भारतीय सिखों को जिसका बेसब्री से इंतजार था वो ख्वाहिश भी आज यानी 9 नवंबर को पूरी हो गई है। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर भारत-पाकिस्तान के बीच दरार बनी दीवार को आज यानी शनिवार को तोड़ दिया गया और करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोल दिया गया। करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है और गुरुनानक देव जी का निवास स्थान; यहीं पर उन्होंने अपनी अंतिम सांसें ली थीं। बाद में उनकी याद में यहां पर गुरुद्वारा बनाया गया। इतिहास के अनुसार, 1522 में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक करतारपुर आए थे। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आखिरी 17-18 साल यही गुज़ारे थे। 22 सितंबर 1539 को इसी गुरुद्वारे में गुरुनानक जी ने आखरी सांसे ली थीं. इसलिए इस गुरुद्वारे की काफी मान्यता है। ये स्थान पाकिस्तान में भारत की सीमा से लगभग 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर है। श्रद्धालु भारत में दूरबीन की मदद से दर्शन करते हैं। दोनों सरकारों की सहमति से करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाया गया है।

महाराष्ट्र में सरकार पशोपेश में

महाराष्ट्र विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो चुका है और इससे एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पद से इस्तीफा दे दिया है। चूँकि सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने फैसला लिया है कि वह राज्य में अल्पमत वाली सरकार नहीं बनाएगी। बीजेपी को मालूम है कि उसके पास बहुमत नहीं है और अल्पमत के साथ अगर वह सरकार बनाती है तो शिवसेना को कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का बहाना मिल जाएगा। फिलहाल जिस तरह से दोनों में तनातनी दिख रही है उससे इसकी संभावना कम ही दिख रही है। हालांकि राज्य में सरकार के गठन को लेकर अभी भी दो विकल्प हैं; पहला यह कि बीजेपी और शिवसेना के बीच समझौता और दूसरा विकल्प है कि शिवसेना एनसीपी के साथ मिलकर कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाए। मगर दूसरे विकल्प में दिक्कत यह है कि शिवसेना दोनों ही पार्टियों की धुर-विरोधी रही हैं। अगर सरकार के गठन को लेकर कुछ प्रगति नहीं होती है तो राज्यपाल महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर सकते हैं। ऐसा होने पर 9 नवंबर के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।

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