मोबाइल नेटवर्क की आँख मिचौनी से ग्रामीण परेशान
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की दिनचर्या प्रभावित, सरकार से समाधान की मांग।

गुरुर (बालोद) hct : डिजिटल इंडिया की परिकल्पना और इंटरनेट युग के इस दौर में मोबाइल नेटवर्क की लचर स्थिति ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। ग्राम पंचायत पेवरों और घोंघोपुरी के निवासियों को प्रतिदिन मोबाइल नेटवर्क की आंख मिचौली का सामना करना पड़ रहा है, जिससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि शासकीय एवं निजी कार्यों में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
नेटवर्क के बिना ठप पड़े कार्य
आज के समय में मोबाइल केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि शिक्षा, बैंकिंग, स्वास्थ्य, ई-गवर्नेंस और व्यापार जैसे अनेक जरूरी कार्यों का प्रमुख आधार बन चुका है। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हो, पंचायत कार्यालयों के दस्तावेज़ी कार्य हों या फिर युवाओं की नौकरी से जुड़ी आवेदन प्रक्रिया—सभी में इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की अनिवार्यता है। ऐसे में रोजाना सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक नेटवर्क का पूरी तरह से ठप रहना एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
स्थानीयों में नाराजगी, शासन से हस्तक्षेप की मांग:
ग्रामवासियों ने बताया कि क्षेत्र में जिओ का टॉवर तो स्थापित है, लेकिन नेटवर्क न होने के कारण उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। उपभोक्ताओं को कॉल करने, जरूरी जानकारी प्राप्त करने, ऑनलाइन भुगतान करने और अन्य डिजिटल सेवाओं में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति संचार क्रांति के इस युग में ग्रामीण विकास के मार्ग में एक बड़ा अवरोध बन रही है।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में संचार सेवाओं की इस बदहाल स्थिति को गंभीरता से लिया जाए। मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए टॉवर की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए और उपभोक्ताओं को स्थायी व सुचारु नेटवर्क की सुविधा प्रदान की जाए। यदि समय रहते यह समस्या दूर नहीं की गई, तो ग्रामीणों के लिए डिजिटल इंडिया की परिकल्पना केवल एक सपना बनकर रह जाएगी।

