Chhattisgarh
गुरुर में भू-माफियाओं का बोलबाला, रेरा नियमों की अनदेखी !
दलाल ने ग्राम पंचायत की घास भूमि पर कब्जा करने की कोशिश की

गुरुर (बालोद) hct : गुरुर तहसील क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग का कारोबार बेरोकटोक फल-फूल रहा है। भू-माफिया और जमीन दलाल रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए कृषि भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर रहे हैं। यह गैरकानूनी गतिविधि अब ग्रामीण इलाकों तक फैल चुकी है, जहां प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण इनके हौसले बुलंद हैं।
कृषि भूमि का दुरुपयोग, किसानों का शोषण
जमीन दलाल किसानों से कृषि भूमि को कम कीमत पर खरीदते हैं और उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर चार गुना अधिक कीमत पर बेचते हैं। इस प्रक्रिया में जिस किसान के नाम पर जमीन खरीदी जाती है, उसे हर रजिस्ट्री के लिए बार-बार उपस्थित होना पड़ता है। रेरा नियमों के अनुसार, प्लाटिंग से पहले भूमि का डायवर्शन (कृषि से अकृषि में परिवर्तन) कराना अनिवार्य है। इसके अलावा, आवासीय कॉलोनी के लिए पानी, बिजली, सड़क, खेल का मैदान और उद्यान जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करना भी जरूरी है। हालांकि, दलाल इन नियमों की खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी, दलालों के हौसले बुलंद
प्रशासन की निष्क्रियता के चलते जमीन दलाल बेखौफ होकर अपना कारोबार चला रहे हैं। कई मामलों में खरीदी गई जमीन का डायवर्शन नहीं किया जाता, जिसके कारण खरीदारों को तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे न केवल खरीदार परेशान होते हैं, बल्कि अवैध प्लाटिंग का धंधा भी निर्बाध चलता रहता है।
बोहारडीह में ग्रामीणों का विरोध
हाल ही में गुरुर से मात्र 2 किलोमीटर दूर बोहारडीह ग्राम पंचायत में एक सनसनीखेज मामला सामने आया। यहां एक जमीन दलाल ने ग्राम पंचायत की घास भूमि पर कब्जा करने की कोशिश की। दलाल ने मुरूम डालकर और पानी निकासी के लिए पुल-पुलिया बनाकर प्लाटिंग की तैयारी शुरू कर दी थी। ग्रामीणों को इसकी भनक लगते ही उन्होंने तत्काल विरोध जताया और हल्का पटवारी संदीप साहू के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज की। ग्रामीणों ने तहसीलदार से इस अवैध गतिविधि के खिलाफ
सख्त कार्रवाई की मांग की है।
रेरा नियमों की अनदेखी का नतीजा
रेरा नियमों में स्पष्ट उल्लेख है कि प्लाटिंग से पहले भूमि का डायवर्शन अनिवार्य है। इसके बाद कॉलोनी निर्माण के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में निवासियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। लेकिन गुरुर क्षेत्र में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है, जिसके चलते खरीदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों की मांग, प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद
बोहारडीह के ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध प्लाटिंग और घास भूमि पर कब्जे की घटनाओं पर तुरंत रोक लगाई जाए। साथ ही, जमीन दलालों और भू-माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया, तो यह गैरकानूनी गतिविधियां और बढ़ेंगी, जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ेगा।
प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। देखना होगा कि तहसील प्रशासन और रेरा इस बढ़ते अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
