जनपद पखांजुर फिर एक बार भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में…
देवपुर पंचायत में कागजों पर ही हो गया 11 लाख का बोर खनन..!

पखांजुर/कोयलीबेड़ा hct : जनपद पखांजुर एक बार फिर चर्चाओं में है, इस बार मामला है बिना काम किए शासकीय राशि के आहरण का। देवपुर पंचायत में 11 लाख रुपये की बोर खनन योजना सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई। सरकारी दस्तावेजों में यह राशि बोर खनन के लिए खर्च बताई गई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, बोर खनन के नाम पर कहीं बोर खुदा ही नहीं, और जहां खुदाई की गई, वहां पानी तक नहीं निकला। कुछ स्थानों पर तो बोर का नामोनिशान भी नहीं है। हैरानी की बात यह है कि इन कार्यों का भुगतान पूरा कर दिया गया है। यह संदेह जताया जा रहा है कि यह पूरा खेल देवपुर पंचायत के सचिव और पूर्व सरपंच की मिलीभगत से रचा गया है।
सूत्रों के अनुसार, चुनाव से ठीक पहले आनन-फानन में कागजों पर 11 लाख की राशि का उपयोग दर्शाया गया। बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में संबंधित इंजीनियर की भूमिका भी संदिग्ध है। ग्रामीणों का आरोप है कि इंजीनियर द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में वास्तविकता से कोसों दूर का चित्रण किया गया, जिससे फर्जी काम को वैधता मिल गई।
शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं..!
ग्रामीणों ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत करीब छह महीने पहले की थी, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं? क्या भ्रष्टाचारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है?
इस पूरे मामले ने शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। एक ओर सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही की बात करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर जनता के पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
