कोर्ट की सख्ती, अलग जेलों में रहेंगे शराब, कोल और चावल घोटाले के पांच आरोपी
जेल में एक साथ रहते हुए आरोपी सिंडिकेट चला रहे थे। इसकी शिकायत मिलने के बाद ईडी ने आवेदन लगाया था। इस पर स्पेशल कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए सभी आरोपियों को अलग-अलग जेल में बंद करने का निर्देश दिया है।
HIGHLIGHTS
- आरोपितों को जेल में दी जा रही थीं वीआईपी सुविधाएं।
- जेल में रहकर सिंडिकेट चलाने की मिली थी शिकायत।
- ईडी ने आवेदन लगाया पर स्पेशल कोर्ट ने दिया आदेश।
रायपुर। आबकारी, कोयला और कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल में बंद आरोपितों को प्रदेश की अलग-अलग जेलों में रखने का आदेश दिया गया है। आरोपितों को जेल में वीआईपी सुविधा दी जा रही थी। वहीं, एक साथ जेल में रहकर सिंडिकेट चलाने की शिकायत मिलने के बाद ईडी ने आवेदन लगाया था, जिसके बाद यह आदेश स्पेशल कोर्ट ने पारित किया है।
आबकारी (शराब) घोटाले के आरोपित अनवर ढेबर को अंबिकापुर जेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को कांकेर जेल, एपी त्रिपाठी को जगदलपुर जेल, कोयला घोटाले के मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को जगदलपुर जेल में रखने को कहा गया है। कस्टम मिलिंग के आरोपित मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को दंतेवाड़ा जेल में भेजा जाएगा।
इन तिथियों में हुए थे अस्पताल में भर्ती
शराब घोटाले के आरोपित अनवर ढेबर को 14 जून 2023 को आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद वे 22 से 24 जुलाई तक अस्पताल के मेडिसिन विभाग में भर्ती रहे। वहीं, त्रिलोक ढिल्लन का 22 जून से आठ जुलाई तक अस्पताल में इलाज कराया गया। फिर 12 अगस्त से 16 अगस्त तक अस्पताल में रखा गया।
नितेश पुरोहित और सुनील अग्रवाल को आठ से 14 दिसंबर 2022 तक फिर 15 दिसंबर से 23 दिसंबर 2022 तक अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद 15 से 16 अप्रैल 2023, फिर 17 मई से 21 जून 22 जून से छह जुलाई तक भर्ती कराया गया था।
वहीं, लक्ष्मीकांत तिवारी को 17 जनवरी 2024 को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, जहां 21 जनवरी तक वे भर्ती रहे। सूर्यकांत तिवारी को 17 और 18 नवंबर 2022 को आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 18 से 19 फरवरी 2023, 17 से 29 अप्रैल 2023, 15 मई से आठ जुलाई तक तिवारी फिर से आंबेडकर अस्पताल में भर्ती रहे। अन्य आरोपित भी कई बार अस्पताल गए, लेकिन रिकॉर्ड नहीं मिले।
ईडी की विशेष कोर्ट ने सुनाया फैसला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि प्रदेश के बहुचर्चित कोयला, शराब और कस्टम मिलिंग घोटाले में जेल में बंद आरोपितों के जेल ट्रांसफर का आवेदन आया था। इसके बाद आरोपितों को अलग-अलग जेलों में ट्रांसफर किया जाएगा।
कांग्रेस सरकार के दौरान बार-बार हो रहे थे बीमार
कोयला और शराब घोटाला केस में जेल में बंद छह आरोपित ऐसे थे, जो कांग्रेस सरकार के दौरान दिसंबर से पहले बार-बार जेल में बीमार होकर अस्पतालों में भर्ती होकर सारी सुविधाएं ले रहे थे। भाजपा सरकार आने के बाद कोई भी आरोपित एक बार भी बीमार नहीं हुआ।
अस्पताल के सबसे ज्यादा चक्कर सूर्यकांत तिवारी और अनवर ढेबर ने लगाए थे। सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक ढिल्लन दिसंबर के पहले कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे।